सिद्धिविनायक ट्रस्ट से महाराष्ट्र सरकार को पैसा देने पर रोक लगाने से HC का इनकार

Edited By Yaspal,Updated: 21 Aug, 2020 07:18 PM

hc refuses to ban siddhivinayak trust from giving money to government

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट से महाराष्ट्र सरकार को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई और गरीबों के लिए सब्सिडी वाले भोजन के लिए राज्य की शिव भोजन योजना के लिए पैसा देने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट...

मुंबईः बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट से महाराष्ट्र सरकार को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई और गरीबों के लिए सब्सिडी वाले भोजन के लिए राज्य की शिव भोजन योजना के लिए पैसा देने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट में लीला रंगा ने अपनी याचिका में कहा कि ट्रस्ट के कामकाज को नियंत्रित करने वाले श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट (प्रभादेवी) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत फंड का ट्रांसफर अवैध है। रंगा के वकील प्रदीप संचेती ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई और शिव भोजन योजना के लिए 5-5 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

वकील प्रदीप संचेती ने अधिनियम की धारा 18 का हवाला दिया और कहा कि ट्रस्ट के धन का उपयोग मंदिर के रखरखाव, प्रबंधन और प्रशासन के लिए किया जा सकता है। श्रद्धालुओं के लिए रेस्टहाउस, ट्रस्ट की संपत्तियों और शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों, अस्पतालों या डिस्पेंसरी के रखरखाव के लिए पैसे के इस्तेमाल की अनुमति है। वकील प्रदीप संचेती ने कहा कि कानून सरकार को ट्रस्ट के फंड के ट्रांसफर की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा कि फंड ट्रांसफर का प्रस्ताव सरकार द्वारा आया है, ट्रस्ट द्वारा नहीं। उन्होंने मांग की कि फंड ट्रांसफर को रोकने के लिए अंतरिम आदेश दिया जाए।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया औक कहा कि कोई भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से पेश नहीं हुआ है। अदालत सरकार को ट्रस्ट का पैसा वापस करने के कह सकती है, अगर अंतिम सुनवाई के बाद यह पता चलता है कि ट्रांसफर अवैध थे।

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