Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Nov, 2019 08:42 AM
महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से कुर्सी को लेकर शुरू हुई सियासी जंग अभी थमी नहीं है। महाराष्ट्र के सत्ता की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में अभी तक सरकार न बना पाने के चलते अब राज्य में राष्ट्रपति शासन...
मुंबई/नई दिल्लीः महाराष्ट्र में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद से कुर्सी को लेकर शुरू हुई सियासी जंग अभी थमी नहीं है। महाराष्ट्र के सत्ता की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई। महाराष्ट्र में अभी तक सरकार न बना पाने के चलते अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसके बाद राज्य विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की रिपोर्ट पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 356(1) के तहत महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने और सरकार बनाने के लिए तीन दिन का समय न देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शिवसेना ने मंगलवार को तत्काल ही सुनवाई कराने की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट अब बुधवार यानि कि आज सुबह याचिका पर सुनवाई कर सकती है। शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट से सदन में बहुमत साबित करने का मौका नहीं देने के राज्यपाल के सोमवार के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर करने के लिए मजबूर हैं जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल के मनमाने एवं दुर्भावनापूर्ण कदमों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया गया है जिन्होंने 11 नवंबर को जल्दबाजी में याचिकाकर्ता को तीन दिन का समय देने से भी इनकार कर दिया जो उसने सरकार गठन के वास्ते बहुमत साबित करने के लिए मांगा था। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं की समझ से राकांपा और कांग्रेस, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उनका समर्थन करने को सैद्धांतिक तौर पर तैयार हैं।
शिवसेना ने याचिका में गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को प्रतिवादी बनाया है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी लेकिन 145 के बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। वहीं राकांपा ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की।