Edited By vasudha,Updated: 25 Jan, 2020 11:54 AM
भारत डायरैक्ट टैक्स कलैक्शन के मामले में 20 साल की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया है। मौजूदा वर्ष में कॉर्पोरेट और इंकम टैक्स कलैक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह पिछले 20 साल में पहला मौका है जब टैक्स कलैक्शन गिरा है...
बिजनेस डेस्क: भारत डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के मामले में 20 साल की सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया है। मौजूदा वर्ष में कॉर्पोरेट और इंकम टैक्स कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह पिछले 20 साल में पहला मौका है जब टैक्स कलेक्शन गिरा है। सूत्रों के मुताबिक टैक्स कलैक्शन में गिरावट की वजह आर्थिक सुस्ती और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चालू वित्त वर्ष यानी 31 मार्च के अंत तक डायरैक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 13.5 ट्रिलियन रुपए यानी 189 बिलियन डॉलर रखा था। यह लक्ष्य पिछले वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17 प्रतिशत ज्यादा था। मार्कीट जानकारों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों से मार्कीट में डिमांड में कमी देखी जा रही है। इसकी वजह से कम्पनियां निवेश और नौकरियों में कटौती कर रही हैं। इसकी वजह से टैक्स कलेक्शन में गिरावट दर्ज की जा रही है। सरकार और बाकी वित्तीय संस्थाओं की ओर से भारत की विकास दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया गया है जो पिछले 11 साल में सबसे कम है।
पिछले साल के टैक्स कलैक्शन से कम हुआ अमाऊंट
टैक्स डिपार्टमैंट ने जनवरी तक 7.3 ट्रिलियन रुपए टैक्स के तौर पर कलैक्ट किए हैं, जो पिछले साल इसी दौरान कलैक्ट किए गए अमाऊंट से काफी कम है। एडवांस्ड टैक्स के तौर पर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में सालाना डायरैक्ट टैक्स का 30 से 35 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष 2019 में डायरैक्ट टैक्स कलैक्शन इस साल 10 प्रतिशत कम रहने का अनुमान जाहिर किया जा रहा है। सरकार को सालाना मिलने वाले रैवेन्यू का 80 प्रतिशत हिस्सा डायरैक्ट टैक्स से आता है। टैक्स अधिकारियों की मानें तो सरकार की तरफ से पिछले साल कम्पनियों को टैक्स छूट का लाभ देना एक चकित करने वाला निर्णय था।\