Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2018 08:04 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज करोल बाग स्थित 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मंजूर नहीं किया जा सकता है।
नेशनल डेस्कः दिल्ली हाईकोर्ट ने आज करोल बाग स्थित 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मंजूर नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि यह भी तो एक तरह का अपराध ही है और इसमें शामिल प्रत्येक व्यक्ति के साथ सख्ती से निपटने की जरूरत है।
दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) से पूछा कि मूर्ति को उसके स्थान से दूसरी जगह शिफ्ट करने संबंधी आदेश पर क्या कदम उठाए गए हैं। एमसीडी ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि इस मामले में अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पीठ ने कहा कि अब तक यह भी पता नहीं लगा है कि यहां पर अवैध व अनाधिकृत निर्माण किन अधिकारियों की शह पर हुआ और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने कहा, अगर जांच एजेंसी इस मामले में अधिकारियों को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाती है तो उसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक में की जाएगी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर वकील दयान कृष्णन को न्याय मित्र नियुक्त किया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर तय की है।
हाईकोर्ट ने आज अतिक्रमण के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए धार्मिक स्थलों का मुद्दा उठाया। इस दौरान हनुमान व उसके आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा सामने आया था। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2017 को इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। वहीं अतिक्रमण का बचाव करते हुए मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि हनुमान की यह प्रतिमा दिल्ली की पहचान है।