इतिहास: अंतिरक्ष में कदम रख इतिहास रचने वाली सुनीता विलियम्स का आज हुआ था जन्म

Edited By vasudha,Updated: 19 Sep, 2019 11:13 AM

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साल के नौवें महीने का 19वां दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ इतिहास के पन्नों में बंद है। 1965 में आज के ही दिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला सुनीता लिन पांड्या विलियम्स का जन्म हुआ था। सुनीता...

नेशनल डेस्क: साल के नौवें महीने का 19वां दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ इतिहास के पन्नों में बंद है। 1965 में आज के ही दिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला सुनीता लिन पांड्या विलियम्स का जन्म हुआ था। सुनीता भारत के गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती है। देश दुनिया के इतिहास में 19 सितंबर की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

 

1755: ब्रिटेन और रूस के बीच सैन्य संधि हुई।
1893: न्यूजीलैंड में निर्वाचन अधिनियम तहत सभी महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया।
1952: हॉलीवुड फिल्मों के स्टार चार्ली चैपलिन को अमेरिका वापस आने से रोक दिया गया।
1955: अर्जेंटीना की सेना और नौसेना ने विद्रोह कर राष्ट्रपति जुआन पेरोन को पद से हटाया।
1958: भारतीय गायक, संगीतकार और अभिनेता लकी अली का जन्म।
1962: भारत की उत्तरी सीमा पर चीन द्वारा आक्रमण।
1965: अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला सुनीता विलियम्स का जन्म।
1982: स्कॉट फाहमैन ऑनलाइन संदेश का इस्तेमाल करने वाले पहले व्यक्ति बने।
1996: एलिजा इजेत्बोगोविक युद्धोत्तरकालीन बोस्निया के प्रथम राष्ट्रपति बने।
1996: ग्वाटेमाला और वामपंथी विद्रोहियों की सरकार ने लंबे समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए एक शांति संधि पर हस्ताक्षर किए।
2006: थाईलैड़ में सैन्य तख्तापलट, जनरल सुरायुद प्रधानमंत्री बने।
2009: गुजरात के गोधरा काण्ड के बाद भड़के दंगे की मामले की जांच कर रहे नानावती आयोग ने राज्य में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा छह अन्य लोगों को तलब करने की मांग वाली याचिका का निबटारा किया।
2011: नासा ने चांद और मंगल ग्रह के अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को ब्रह्मांड के दूसरे ठिकानों पर भेजने के लिए स्पेस लाँच सिस्टम (एसएलएस) नामक 100 टन तक वज़न को अंतरिक्ष में ले जा सकने वाले एक भव्य रॉकेट की रुपरेखा तैयार की।
2011: अख़लाक़ मोहम्मद ख़ान ‘शहरयार’ को उर्दू साहित्य में उनके योगदान के लिए 2008 का 44वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।

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