Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 12:44 PM
पुलिस को गच्चा देकर जहां-तहां भागने वाली हनीप्रीत आखिरकार 38 दिनों के बाद हिरासत में आ गई। हालांकि उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
नई दिल्लीः पुलिस को गच्चा देकर जहां-तहां भागने वाली हनीप्रीत आखिरकार 38 दिनों के बाद हिरासत में आ गई। हालांकि उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। हनीप्रीत पुलिस पूछताछ में ज्यादातर सवालों पर मौन ही रही। हनीप्रीत से जो पुलिस टीम पूछताछ कर रही है, उसमें एक नाम हरियाणा की आईजी ममता सिंह का भी है। ममता काफी सख्त स्वभाव की IPS अफसर के तौर पर मानी जाती हैं। ममता अपने काम के प्रति काफी समर्पित अफसर मानी जाती हैं और उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक भी मिल चुका है। ममता सिंह के तीन बच्चे हैं।
हनीप्रीत पर बना केस एकदम सही
आईजी ममता सिंह का कहना है कि हमने हनीप्रीत पर जो केस बनाया है, वो एकदम सही है, उसका वकील जो कहता हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हम सही दिशा में जा रहे हैं और अगर हनीप्रीत को कहीं ले जाने की जरूरत होगी, तो उसे साक्ष्य जुटाने के लिए वहां ले जाया जाएगा। बता दें आज हनीप्रीत को बठिंडा लाया गया है। बठिंडा में ही सुखदीप का घर है जहां हनीप्रीत छिप कर रही थी।
एमबीबएस छोड़कर पुलिस कैडर को चुना
ममता सिंह ने एमबीबएस छोड़कर पुलिस कैडर को चुना था। 1996 में वह हरियाणा कैडर में चयनित हुईं। IG ममता के माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी इस लाइन में जाए। ममता पांच भाई-बहन हैं इनमें से वे अकेली हैं, जो गेजेटेड रैंक की ऑफिसर हैं। ममता मानवाधिकार आयोग में बतौर डीआईजी की पोस्ट पर भी रह चुकी हैं। वहां उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल दिया गया था। ममता का नाम छत्तीगढ़ और पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के खिलाफ और मानवाधिकार के पक्ष में कई अभियान चलाने के लिए लिया जाता है। इन्हीं प्रयासों से वे देशभर में फेमस हुईं थीं। उनके काम को देखते हुए गृहमंत्रालय ने उन्हें जेल सुधारों पर बनी कमेटी का सदस्य बनाया था।