स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया अधिकारों का चार्टर, मरीज या शव को रोक नहीं सकेंगे अस्पताल

Edited By Seema Sharma,Updated: 17 Sep, 2018 08:25 AM

hospital can not stop the dead body

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों के अधिकारों पर एक चार्टर जारी किया है और अगर वह प्रभावी हो जाता है तो अस्पताल के साथ भुगतान विवाद होने की सूरत में मरीज को अस्पताल में रोककर रखने अथवा मरीज का शव परिजनों को सौंपने से इंकार करना

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों के अधिकारों पर एक चार्टर जारी किया है और अगर वह प्रभावी हो जाता है तो अस्पताल के साथ भुगतान विवाद होने की सूरत में मरीज को अस्पताल में रोककर रखने अथवा मरीज का शव परिजनों को सौंपने से इंकार करना शीघ्र ही अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। मरीज चार्टर के मसौदे के अनुसार अस्पताल भुगतान को लेकर विवाद जैसे प्रक्रियात्मक आधार पर किसी मरीज को रोककर नहीं रख सकता और उसे अस्पताल से छुट्टी देने से इंकार नहीं कर सकता।

इसमें कहा गया है कि यह अस्पताल की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में इलाज कराने वाले किसी मरीज को गलत तरीके से नहीं रोके अथवा उसका शव देने से इंकार नहीं करे। संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की ओर से जारी नोटिस के अनुसार मंत्रालय राज्य सरकारों के माध्यम से इस चार्टर को लागू कराना चाहता है। इसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तैयार किया है।

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