कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर से अस्पताल ने वसूले 1.15 लाख रुपए, रो-रोकर सुनाई आपबीती

Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jul, 2020 10:10 AM

hospital recovered rs 1 15 lakh from corona positive doctor

हैदराबाद में कोरोना वायरस से संक्रमित अधेड़ उम्र की एक डॉक्टर ने एक प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन पर चिकित्सा बिल का भुगतान न करने को लेकर उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया है। महिला ज्वर अस्पताल में नगर सहायक चिकित्सक हैं। वह सोशल मीडिया पर वायरल एक...

नेशनल डेस्कः हैदराबाद में कोरोना वायरस से संक्रमित अधेड़ उम्र की एक डॉक्टर ने एक प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन पर चिकित्सा बिल का भुगतान न करने को लेकर उन्हें बंधक बनाने का आरोप लगाया है। महिला ज्वर अस्पताल में नगर सहायक चिकित्सक हैं। वह सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कथित रूप से एक अस्पताल पर एक दिन के इलाज के लिए 1.15 लाख रुपए का बिल बनाकर अधिक पैसा वसूलने का आरोप लगाती दिख रही हैं। इसके अलावा उनका दावा है कि उन्हें उचित चिकित्सा मुहैया कराए बिना छुट्टी दे दी गई।

 

वीडियो में डॉक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद वह घर पर ही अपना इलाज कर रही हैं और उन्होंने खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को देर रात उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई, जिसके बाद वह प्राइवेट में भर्ती हुई थीं। उन्होंने वीडियो में दावा किया कि ''मैं Covid-19 योद्धा हूं। उन्होंने एक दिन के लिए मुझे 1.15 लाख रुपए का बिल थमाया। मैं इतनी बड़ी रकम का भुगतान नहीं कर सकी। मैं मधुमेह की रोगी हूं और मुझे यहां उचित चिकित्सा नहीं मिल रही। वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मैं मुश्किल में हूं। मैंने 40 हजार रुपए का भुगतान किया है, लेकिन उन्होंने मुझे रोककर रखा। '' उन्होंने कहा कि मैंने इस घटना के संबंध में निजी अस्पताल के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दी है।

 

वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, ज्वर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. के. के. शंकर ने कहा कि महिला डॉक्टर के चार दिन पहले वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी और वह घर में आइसोलेट हैं। शंकर ने कहा कि उन्हें बता दिया गया था कि सरकार ने कोविड-19 योद्धाओं के इलाज के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं, लेकिन वह आला अधिकारियों को सूचित किए बिना खुद ही निजी अस्पताल में भर्ती हो गईं। शंकर ने कहा कि उन्हें स्थानीय टीवी चैनलों पर रविवार को महिला का वीडियो प्रसारित होने के बाद इस मामले के बारे में पता चला। उन्होंने तुरंत रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर को निजी अस्पताल का दौरा कर भुगतान के मुद्दे को सुलझाने और उन्हें छुट्टी दिलाने के लिए कहा। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उन्हें पहले ही छुट्टी दी जा चुकी है। उनकी हालत स्थिर है। अधीक्षक ने कहा कि वह ज्वर अस्पताल में ओपीडी में सामान्य ड्यूटी पर थीं। वह अस्पताल में covid-19 की चपेट में नहीं आई थीं।

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