जानिए प्रचार के दौरान VIP लोगों की सुरक्षा कैसे करते हैं केन्द्रीय बल

Edited By Seema Sharma,Updated: 17 May, 2019 12:59 PM

how central forces protect vips in election campaign

चुनावों के दौरान प्रचार का काफी जोर रहता है। हर तरफ चुनावी शोर सुनाई पड़ता है। नेता एक दिन में न जाने कितनी रैलियां, रोड शो और जनसभाएं करते हैं। ऐसे में एक जिज्ञासा भरा सवाल जो दिमाग में कौंधता है वो यह कि केंद्रीय बल चुनाव प्रचार अभियान

नई दिल्ली: चुनावों के दौरान प्रचार का काफी जोर रहता है। हर तरफ चुनावी शोर सुनाई पड़ता है। नेता एक दिन में न जाने कितनी रैलियां, रोड शो और जनसभाएं करते हैं। ऐसे में एक जिज्ञासा भरा सवाल जो दिमाग में कौंधता है वो यह कि केंद्रीय बल चुनाव प्रचार अभियान के दौरान देशभर में वीआईपी लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करते हैं? इसके लिए केन्द्रीय बलों के पास जमीनी स्तर पर दो हजार से अधिक सतर्क कमांडो, 120 युवा पर्यवेक्षक अधिकारी, हजारों गोलियां, प्राथमिक चिकित्सा किट और खुफिया डाटा शीट होती हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) द्वारा की जाती है। अन्य प्रमुख राजनेताओं की सुरक्षा एनएसजी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी जैसे केन्द्रीय बलों द्वारा की जाती है। ये नेता अपनी पार्टियों के प्रचार के लिए हर रोज हजारों किलोमीटर की यात्रा करते है। वीआईपी सुरक्षा प्रतिष्ठान में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर, लगभग 2,000 कमांडो ज़मीन पर हैं और उन्हें पाली में लगाया जाता है। इसके अलावा 120 युवा अधिकारियों को राजनेताओं के केंद्रीय सुरक्षा दायरे में शामिल किया जाता है।
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ऐसे दी जाती है सुरक्षा

  • केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पास भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत 78 वीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
  • शाह ‘जेड प्लस' सुरक्षा श्रेणी में है।
  • सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ के तहत सुरक्षा प्राप्त वीआईपी पर नजर रखने के लिए देश के विभिन्न भागों में 54 से अधिक अधिकारी तैनात होते हैं। उन्हें विशेष कार्यों के लिए विशेष बल के 28 विभिन्न स्तरों से लेकर जमीनी स्तर की इकाइयों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
  • देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल के ये कमांडो केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद को भी सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं। ये कमांडो आधुनिक एके सीरीज और एमपी5 असॉल्ट राइफल, मैगजीन, पिस्तौल, मोबाइल बॉडी कवच और भीड़ नियंत्रण एवं विशेष परिस्थितियों में रस्सियों और लाठी से लैस होते हैं।
  • नोएडा में सीआरपीएफ अड्डे पर एक 24X7 नियंत्रण कक्ष, नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में इसी तरह के परिचालन केंद्र के साथ लगातार संपर्क में रहता है जो इन टीमों को ले जाने वाले हर कदम का समन्वय करता है और वायरलेस तथा मोबाइल पर उनके साथ नियमित संपर्क में रहता है।
  • केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) को 93 वीआईपी की सुरक्षा की सौंपी गई है। विभिन्न सुरक्षा टीमों पर नज़र रखने के लिए लगभग 40 अधिकारियों को पर्यवेक्षक की भूमिकाओं में तैनात किया गया है। अधिकारी ने बताया कि वे स्थानीय क्षेत्र में शिविर लगाते हैं और कमांडो की तैयारियों, रसद, भोजन और अन्य आवश्यकताओं को सुनिश्चित करते हैं।

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  • सीआईएसएफ की सुरक्षा में कुछ जाने माने वीआईपी लोगों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (जेड प्लस), मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ (जेड), मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री महेश शर्मा और मनोज सिन्हा, पूर्व आईपीएस अधिकारी और भाजपा उम्मीदवार भारती घोष और तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले राज्य पश्चिम बंगाल में भगवा पार्टी के कई अन्य लोकसभा उम्मीदवार शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के पास भी 13 वीआईपी लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है। इसके पास केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिह, अखिलेश यादव और मायावती जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों और योगी आदित्यनाथ तथा एन चन्द्रबाबू नायडू जैसे मौजूदा मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
  • भारत-तिब्बत पुलिस बल, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी (जेड प्लस), जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे लगभग 16 वीआईपी लोगों की सुरक्षा में लगी है।

    बता दें कि देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होगा और मतगणना 23 मई को होगी।
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