Edited By Sonia Goswami,Updated: 11 Oct, 2018 09:24 AM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यहां एक प्राथमिक स्कूल में हिन्दू और मुस्लिम बच्चों को कथित रूप से अलग अलग कक्षाओं में बैठाने की खबरों पर बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से रिपोर्ट मांगी।
नई दिल्लीः मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यहां एक प्राथमिक स्कूल में हिन्दू और मुस्लिम बच्चों को कथित रूप से अलग अलग कक्षाओं में बैठाने की खबरों पर बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से रिपोर्ट मांगी।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन हमने मीडिया की खबर को पढ़ा है। मैंने रिपोर्ट मांगी है।’’ मीडिया में बुधवार को प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीएमसी के शिक्षकों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि वजीराबाद के प्राथमिक स्कूल में हिन्दू और मुस्लिम छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में बैठाया जा रहा है। इससे पहले दिन में भाजपा शासित एनडीएमसी के शिक्षा महकमे ने एक वरिष्ठ अधिकारी को वजीराबाद इलाके में स्थित स्कूल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। एक सूत्र ने बताया, ‘‘ शिक्षा विभाग के निदेशक ने जोनल कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को स्कूल जाने और मीडिया में आए आरोपों को देखने का निर्देश दिया हुआ है।’’ दिल्ली के नगर निगम के सभी स्कूल प्राथमिक हैं। नगर निगम के शिक्षकों ने मीडिया में आई खबर पर हैरानी जताई है।
हिंदू-मुस्लिम बच्चों को अलग-अलग बैठाने के मामले में शिक्षक निलंबित
वहीं इस मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने स्कूल प्रभारी को निलंबित कर दिया है। वहीं, दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आयुक्त ने घटना को ‘बेतुका’ और ‘अक्षम्य’ बताते हुए कहा कि यह बहुलतावादी समाज की संरचना के खिलाफ है। एनडीएमसी के शिक्षा निदेशक एच के हेम ने बताया कि जुलाई में स्कूल के प्रधानाचार्य का तबादला कर दिया गया था जिसके बाद शिक्षक सी बी सिंह सेहरावत को स्कूल का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपों की जांच के लिए बुधवार को तीन सदस्य समिति भेजी गई थी।
मामला बहुत गंभीरःसिसोदिया
वहीं देश के सामाजिक ताने-बाने पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘ मामला बहुत गंभीर है। यह देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है। यह संविधान के खिलाफ साजिश है।