Edited By Monika Jamwal,Updated: 21 Jun, 2019 03:06 PM
जहां पूरा विश्व बेटे और बेटी के बीच की दूरी को खत्म कर बच्चों के समान अधिकारों की बात कर रहा है वहीं कश्मीर में एक मां को इस सिर्फ जुल्म सहने पड़ रहे हैं क्योंकि वो बेटी को जन्म देती है।
श्रीनगर : जहां पूरा विश्व बेटे और बेटी के बीच की दूरी को खत्म कर बच्चों के समान अधिकारों की बात कर रहा है वहीं कश्मीर में एक मां को इस सिर्फ जुल्म सहने पड़ रहे हैं क्योंकि वो बेटी को जन्म देती है। एक स्थानीय समाचार एजेंसी को अपना दुख सुनाते हुये सुबरीन ( बदला हुआ नाम) ने बताया कि वो 2004 में खुर्शीद से निकाह करके उसके घर नौहाटा आई थी। उसे इसलिए मार पड़ती है क्योंकि उसने बेटे की जगह बेटी को जन्म दिया और पन्द्रह वर्षों से वो शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा को सहन कर रही है।
उसने कहा, शादी से पहले कहा गया कि खुर्शीद और उसका परिवार पढ़ा लिखा है। पर यह लोग अनपढ़ हैं। उसका पति बच्ची के लिए कुछ नहीं करता। वो मुझे मारता है और कहता है कि अपने मायके से पैसे लाओ। सुबरीन के अनुसार, मैं एक कमरे में रहती हूं और उसी में गुजारा करती हूं। यह लोग मुझे रोज मारते हैं और मैं चुन रही कि सब ठीक हो जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं। मुझे लगता है कि मैं गलत हूं जो कभी आवाज नहीं उठाई।