2021 से देश को उम्मीदें, कोरोना वायरस से 'रक्षक' के तौर पर उबर सकता है यह शहर

Edited By vasudha,Updated: 27 Dec, 2020 04:59 PM

hyderabad to emerge as center of covid 19 vaccine in 2021

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के नए साल में कोरोना वायरस से ''रक्षक'' के तौर पर उबरने के आसार हैं, क्योंकि इस शहर में स्थित पांच कंपनियां जानलेवा वायरस के खात्मे के लिए टीका बनाने के काम में लगी हुई हैं। भारत बायोटेक, बायोजिकल ई लिमिटिड और अरबिंदो...

नेशनल डेस्क:  तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के नए साल में कोरोना वायरस से 'रक्षक' के तौर पर उबरने के आसार हैं, क्योंकि इस शहर में स्थित पांच कंपनियां जानलेवा वायरस के खात्मे के लिए टीका बनाने के काम में लगी हुई हैं। भारत बायोटेक, बायोजिकल ई लिमिटिड और अरबिंदो फार्मा द्वारा विकसित किए जा रहे टीके फिलहाल अलग अलग चरणों में हैं जबकि डॉ रेड्डी और हेटेरो ने टीका विनिर्माण के लिए हाथ मिलाया है। इनमें से कुछ कंपनियों ने टीका विनिर्माण की अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई हैं। टीके के अलावा हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने टीका लाने- ले जाने के लिए कोल्ड चेन अवसंरचना को भी मजबूत किया है।


कई  राजनयिकों ने किया हैदराबाद का दौरा 
जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो कोविड-19 टीके के आयात-निर्यात को लेकर विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के खातिर अलग-अलग पक्षकारों से बातचीत कर रहा है। हाल में भारत बायोटेक और बायोजिकल ई के यहां 60 राजनयिकों के दौरे से इस बात को बल मिला है कि शहर कोविड-19 के टीके के निर्माण और आपूर्ति में सबसे आगे रहने वाला है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया हुआ। इस संक्रामक रोग से विश्व भर में 7.7 करोड़ से अधिक लोग पीड़ित हो चुके हैं जबकि करीब 20 लाख लोगों की संक्रमण के कारण जान जा चुकी है। वाणिज्य विभाग के तहत आने वाली फार्मा निर्यात संवर्धन संस्था ‘‘फार्मेक्सिल'' के महानिदेशक उदय भास्कर ने बताया कि देश में अन्य देशों को कोविड-19 टीके के निर्यात को लेकर कोई नीति नहीं है, इसलिए यह माना जा सकता है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि टीके का निर्यात करने से पहले घरेलू जरूरतों को पूरा किया जाए। 

 

टीके की खुराकों को लेकर केंद्र सरकार लेगी निर्णय 
 उदय ने कहा कि  भारत बायोटेक को छोड़कर सभी टीकों के निर्माताओं ने टीके के विकास या विनिर्माण के लिए विदेशी कंपनियों से हाथ मिलाया है।  उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है कि भारत से कितनी मात्रा में (टीके का) निर्यात किया जाएगा।" भास्कर ने कहा कि इस संबंध में अंतिम फैसला भारत सरकार का होगा। वहीं तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास राव ने बताया कि टीका बनाने वाली कंपनियां भले ही यहां स्थित हों, लेकिन टीके की खुराकों के आवंटन में राज्य को तरजीह नहीं दी जाएगी। 

 

तीसरे चरण का चल रहा परीक्षण 
टीके की खुराकों के वितरण पर केंद्र सरकार निर्णय करेगी। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, " राज्य की टीके की खुराकों के आवंटन में कोई भूमिका नहीं है। इसका निर्णय सिर्फ केंद्र सरकार करेगी। वह खुराकों का वितरण करने के लिए कोई तरीका निकालेगी जिसके मुताबिक राज्यों को टीके की खुराकें मिलेंगी।" गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 नवंबर को यहां जीनोम वैली में भारत बायोटेक के एक संयंत्र का दौरा किया था और कोरोना वायरस के संभावित टीके " कोवैक्सीन" की प्रगति की समीक्षा की थी। इस टीके को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के सहयोग से उक्त निजी कंपनी विकसित कर रही है। इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।

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