MGR नहीं हूं, पर उनकी तरह मैं चला सकता हूं सरकार: रजनीकांत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 09:59 AM

i am not mgr but i can run the government like him rajinikanth

सुपरस्टार रजीनकांत ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामाचंद्रन की विरासत को याद करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह बीते जमाने के अभिनेता एमजीआर की तरह ही अच्छा शासन देंगे। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की उस आलोचना का हवाला दिया जिसमें पार्टी ने कहा था...

चेन्नईः सुपरस्टार रजीनकांत ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामाचंद्रन की विरासत को याद करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह बीते जमाने के अभिनेता एमजीआर की तरह ही अच्छा शासन देंगे। उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की उस आलोचना का हवाला दिया जिसमें पार्टी ने कहा था कि कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीति में सफलता की बराबरी नहीं कर सकता। रजनीकांत ने कहा कि मैं या कोई अन्य व्यक्ति एमजीआर जैसा1,000 वर्षों में भी नहीं हो सकता है।’’  रामाचंद्रन, एमजीआर के नाम से लोकप्रिय हैं और उन्हें तमिलनाडु की राजनीति में खास तौर पर एक अभिनेता के लिए सफलता का मानदंड माना जाता है। सिनेमा से जुड़े अन्य कलाकार भी उन जैसा बनने की कोशिश करते रहते हैं।

67 वर्षीय अभिनेता रजनीकांत ने कहा कि वह शासन चलाने के लिए विशेषज्ञों और प्रौद्योगिकी के जानकारों से सहायता लेने के साथ ही तकनीक का भी सहारा लेंगे। उन्होंने कहा कि वह अध्यात्म पर आधारित शासन का पालन करेंगे जिसमें जाति और संप्रदाय के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नही होगा। अपने 30 मिनट के भाषण में अभिनेता ने अपनी राजनीतिक विचारधारा और अपनी राजनीतिक पार्टी की प्राथमिकताओं के बारे में बताया। हालांकि उन्होंने अभी अपनी राजनीतिक पार्टी नहीं बनाई है।

रजनीकांत के भाषण की खास बातें
-मैं एमजीआर नहीं है और अगर कोई यह कहता है कि वह उनके जैसा होगा तो वह पागल ही होगा।

-मैं आश्वस्त हूं कि मैं एमजीआर जैसा ही गरीबों और सामान्य लोगों को लाभ पुहंचाने वाला शासन दे सकता हूं।’’ 

-दिवंगत एमजीआर का समर्थन करने वाले लोग जनता के हित वाले उनके शासन के लिए उनकी पूजा करते हैं। रजनीकांत का यह कार्यक्रम उनके समकालीन कमल हासन द्वारा मदुरै में राजनीतिक पार्टी मक्कल नीधी मैय्यम बनाने के कुछ कुछ दिनों के बाद हुआ है।

-मैं शैक्षणिक संस्थान में राजनीति की बाते नहीं करना चाहते हैं लेकिन लोगों की मांगों को देखते हुए उनके पास कोई विकल्प नहीं है। ‘लोगों की यह भीड़ राजनीतिक सम्मेलन की छाप छोड़ती है।’’

-मौजूदा समय में राज्य की राजनीति में‘ एक अच्छे नेता की जगह खाली’ है। यह जगह दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के निधन और 93 वर्षीय द्रमुक प्रमुख एम.करुणानिधि के खराब स्वास्थ्य की वजह से उनकी निष्क्रियता को देखते हुए खाली है।

-अच्छे नेता और अच्छे नेतृत्व की जगह खाली है। मैं आश्वस्त हूं कि मैं लोगों को अच्छा शासन और अध्यात्मिक शासन देने में सक्षम रहूंगा।’’  राजनीति की राह आसान नहीं है। यह पत्थरों और कांटों से भरी हुई है, यह फूलों का बिस्तर नहीं हैं। लेकिन राजनीति के साथ उनका रिश्ता1996 से शुरू हो गया था।

-करुणानिधि, दिवंगत नेता जी के मूपनार और दिवंगत राजनीतिक समालोचक सी.एस. रामास्वामी के साथ अपने जुड़ाव का जिक्र किया।

- मैं अपने आलोचकों से राजनीति में प्रवेश करने को लेकर‘ रेड कार्पेट’ प्रवेश की आशा नहीं रखता लेकिन अपने समीक्षकों से मांग की वह उन्हें हतोत्साहित न करें। मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं।

रजनीकांत ने अपने भाषण में करुणानिधि और जयललिता की तारीफ की। उन्होंने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए न कि राजनीति में संलग्न होना चाहिए। रजनीकांत ने छात्रों से अंग्रेजी सीखने की अपील की। उन्होंने इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का उदाहरण दिया। रजनीकांत ने श्रोताओं को अपने भाषण की भाषा और अपनी हंसी से भी प्रभावित किया। उन्होंने श्रोताओं को अपने सामान्य और प्रभावी तरीके से भाषण देने के लहजे से भी मंत्रमुग्ध कर दिया। बता दें कि 31 दिसंबर के बाद पहली बार रजनीकांत ने राजनीतिक टिप्पणी की। उन्होंने तब घोषणा की थी कि वह राजनीति में आएंगे और जब भी चुनाव आयोजित होंगे उनकी पार्टी सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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