Edited By Pardeep,Updated: 28 Aug, 2024 05:45 AM
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मियां' मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। शर्मा नागांव में 14 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य में कानून व्यवस्था की...
गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि वह पक्षपात करेंगे और ‘मियां' मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे। शर्मा नागांव में 14 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना की पृष्ठभूमि में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्षी दलों के कार्य स्थगन प्रस्ताव के संबंध में विधानसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित रखा जाता तो अपराध की दर नहीं बढ़ती।
शर्मा ने कहा, ‘‘बलात्कार का एक भी मामला स्वीकार्य नहीं है। फिर भी यदि पिछले कुछ साल में बलात्कार के मामलों की संख्या के साथ जनसंख्या वृद्धि पर ध्यान दिया जाए तो अपराध दर कम हो गई है। पिछले 10 साल में बहुत सुधार हुआ है।''
शिवसागर में 17 वर्षीय एक पहलवान पर कथित हमले के लिए मारवाड़ी समुदाय के सदस्यों द्वारा घुटने टेककर माफी मांगने के घटनाक्रम पर शर्मा ने दावा किया कि यह एक ‘स्वैच्छिक' कदम था। उन्होंने विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया के आरोपों को खारिज कर दिया। शर्मा ने दावा किया, ‘‘हमारे कैबिनेट मंत्री रनोज पेगु को यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया था कि कोई गलतफहमी न हो। मारवाड़ी समुदाय ने उदारता दिखाई और मामला सुलझ गया। किसी ने उन्हें घुटने टेकने के लिए मजबूर नहीं किया।''
सैकिया ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर पुलिस ने हमले में शामिल लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया होता तो मामला इतना बिगड़ता ही नहीं। शर्मा ने दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा मारवाड़ियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट ने तनाव को बढ़ा दिया, जिस पर कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने आरोप लगाया कि वह (मुख्यमंत्री) इस मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति' कर रहे हैं। जब विपक्षी विधायकों ने अपनी आवाज उठाई, तो मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘जब हम अल्पसंख्यकों के बारे में बात करते हैं तो आप नाराज क्यों होते हैं? क्या कांग्रेस ने यह घोषित कर दिया है कि उसे बहुसंख्यक समुदाय की जरूरत नहीं है?''
शर्मा ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपके बीच अल्पसंख्यक वोटों के लिए प्रतिस्पर्धा है, मैं इस दौड़ में नहीं हूं।'' जब विपक्ष ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया, तो शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘मैं पक्षपात करुंगा। आप क्या कर सकते है ?'' तीखी नोकझोंक के बीच एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम ने कहा कि निचले असम के लोग ऊपरी असम के जिलों में जाएंगे क्योंकि यह उनका अधिकार है। उन्होंने कुछ संगठनों के इस फरमान का हवाला दिया कि लोग ऊपरी असम से तुरंत चले जाएं। शर्मा ने जवाब में कहा, ‘‘निचले असम के लोग ऊपरी असम क्यों जाएंगे? ताकि मियां मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें। हम ऐसा नहीं होने देंगे।''
मुख्यमंत्री के बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और सत्तापक्ष तथा विपक्ष के सदस्य आसन के समीप आ गए। विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी ने विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करते हुए कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बांग्लाभाषी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए ‘मियां' शब्द का इस्तेमाल विरोध स्वरूप किया जाता रहा है और गैर-बांग्ला भाषी लोग आमतौर पर उन्हें बांग्लादेशी प्रवासी बताते हैं। पिछले कुछ साल में गैर-बांग्ला भाषी समुदाय के लोगों ने इस शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।