Edited By shukdev,Updated: 04 Apr, 2020 08:59 PM
लंदन की इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अपील की है कि चीन पर ‘मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध करने के लिए कड़ा जुर्माना'' लगाया जाए। संगठन ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस महामारी प्राथमिक रूप से बीजिंग का षड्यंत्र...
नई दिल्ली: लंदन की इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अपील की है कि चीन पर ‘मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध करने के लिए कड़ा जुर्माना' लगाया जाए। संगठन ने आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस महामारी प्राथमिक रूप से बीजिंग का षड्यंत्र है ताकि वह खुद को महाशक्ति बना सके। आईसीजे के अध्यक्ष आदिश सी. अग्रवाल ने कहा, ‘वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन द्वारा कार्रवाई नहीं करने से पूरी दुनिया में मंदी आ गई और खरबों डॉलर का नुकसान हुआ है तथा भारत एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में लाखों लोग बेरोजगार हो गए।'
उन्होंने कहा कि यह रहस्य है कि वायरस चीन के सभी प्रांतों में कैसे नहीं फैला जबकि दुनिया के सभी देशों में यह फैल गया है। उन्होंने जिनेवा स्थित मानवाधिकार संगठन से अपील की कि वायरस फैलने के लिए वह चीन, उसकी सेना और वुहान को जिम्मेदार ठहराए जिसके कारण पूरी दुनिया में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई और दुनिया ठप हो गई। अग्रवाल ने यूएनएचआरसी से मांग की वह चीन को निर्देश दे कि बीमारी फैलाने के लिए वह ‘पूरी दुनिया और खासकर भारत को क्षतिपूर्ति' करे।