15 अगस्त तक कोरोना वैक्सीन लॉन्च की बात पर विवाद, ICMR ने दी सफाई

Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Jul, 2020 03:44 PM

icmr clarifies on august 15 at corona vaccine launch

देश के 12 अस्पतालों के प्रमुखों को 15 अगस्त तक कोरोना वायरस वैक्सीन टीका लॉन्च करने संबंधित पत्र पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (ICMR) ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसने पूरी प्रक्रिया को लालफीताशाही से बचाने के लिए ऐसा लिखा था। ICMR ने रविवार को...

नेशनल डेस्कः देश के 12 अस्पतालों के प्रमुखों को 15 अगस्त तक कोरोना वायरस वैक्सीन टीका लॉन्च करने संबंधित पत्र पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (ICMR) ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसने पूरी प्रक्रिया को लालफीताशाही से बचाने के लिए ऐसा लिखा था। ICMR ने रविवार को यह कहा कि सभी मेडिकल अस्पतालों में ऐसे परीक्षण के अनुमोदन के लिए आचार समिति होती है। इन समितियों की बैठक पूर्व निर्धारित समय पर होती है। ऐसे में covid-19 वैक्सीन के मानव परीक्षण का अनुमोदन प्राप्त करने में बेवजह देर न हो, इसी बात को ध्यान में रखकर सभी क्लिनिकल ट्रायल साइट के प्रमुखों को पत्र लिखा गया था। गत दो जुलाई को आईसीएमआर ने वैक्सीन के ट्रायल के लिए चयनित 12 क्लीनिकल साइट के प्रमुखों को यह पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर बनाई जा रही covid-19 के वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का फास्ट ट्रायल किया जा रहा है। सभी क्लीनिकल ट्रायल को पूरा करके इस वैक्सीन को 15 अगस्त तक लांच करने की तैयारी है।

 

भारत बायोटेक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तेजी से काम कर रही है लेकिन इसका अंतिम परिणाम इस परियोजना में शामिल सभी क्लीनिकल ट्रायल साइट के सहयोग पर निर्भर है। covid-19 महामारी और इसके वैक्सीन के लांच करने की जरुरत के मद्देनजर आप सबको यह सलाह दी जाती है कि वैक्सीन को लांच करने के क्लीनिकल ट्रायल को शुरू करने के लिए सभी जरूरी अनुमोदन जल्द ही प्राप्त कर लिए जायें और यह सुनिश्चित करें कि इसके परीक्षण के लिए इच्छुक व्यक्तियों(वॉलंटियर्स) के पंजीकरण की शुरुआत सात जुलाई तक हो जाए। इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता दी जाए और निर्दिष्ट समयानुसार कार्य पूरे किये जाए।

 

ICMR के इस पत्र पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों और शोधकर्त्ताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि वैक्सीन को लांच करने की इतनी जल्दी में गुणवत्ता से समझौता न हो जाए। ऐसी डेडलाइन में काम करने से अधूरे डेटा के साथ ही वैक्सीन लांच हो जाएगी। आईसीएमआर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उसके लिए देश की जनता की सुरक्षा और हित सर्वोपरि है। प्री क्लीनिकल स्टडी के डेटा की बारीकी से जांच करने के बाद ही भारतीय औषधिक महानियंत्रक ने चरण एक और चरण दो के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी है। आईसीएमआर द्वारा कोविड-19 के वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक करना वैश्विक मानकों के अनुसार है।

 

प्री क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक खत्म हुआ है। इसका मानव परीक्षण अब शुरु होना है। इस प्रक्रिया में लालफीताशाही बाधा न पहुंचाये, इसी कारण आईसीएमआर के महानिदेशक ने क्लीनिकल ट्रायल साइट के जांचकर्ताओं को पत्र लिखा था। उल्लेखनीय है कि आईसीएमआर ने आंध्रप्रदेश, हरियाणा, नई दिल्ली, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा और गोवा के अस्पतालों को क्लीनिकल ट्रायल के रुप में चयनित किया है। इन्हीं अस्पतालों में covid-19 के वैक्सीन के दोनों चरणों के मानव परीक्षण के लिए उम्मीदवार चयनित होंगे।

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