Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Apr, 2019 07:12 PM
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है।
श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि अगर पी.एम. को लगता है कि कश्मीर खतरे में है तो फिर वह इस खतरे को छोड़ दें। अगर उनको लगता है कि आर्टिकल 370 के आधार पर हमारे रिश्ते की बुनियाद है तो कश्मीर को छोड़ दें। अब वो कैसे छोडऩा चाहते हैं। क्यों खतरा मोल लेना चाहते हैं इतने सालों से। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस को भी नहीं बख्शा। उन्होंने दोनों पार्टियों पर आर्टिकल 370 को कमजोर करने का आरोप लगाया है। यह आर्टिकल जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिला में पार्टी सम्मेलन के बाद पत्रकारों से वार्ता में महबूबा ने कहा कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने 2008 में अमरनाथ श्राइन बोर्ड को हजारों कनाल भूमि आवंटित कर आर्टिकल 370 को कमजोर किया था और एनसी ने 1975 में वजीर-ए-आजम और सदर-ए-रियासत का खिताब खत्म कर दिया था। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह उनकी पार्टी थी, जिसने भाजपा के साथ राज्य में गठबंधन सरकार के दौरान आर्टिकल 370 और 35ए को बचाया था। महबूबा अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं, जहां तीन चरणों में होने वाले मतदान का पहला चरण 23 अप्रैल को हुआ था। दूसरे चरण का मतदान 29 अप्रैल को और तीसरे और अंतिम चरण का मतदान छह मई को होना है। महबूबा के सामने मुख्य चुनौती कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर और एनसी उम्मीदवार रिटायर्ड जज हसनैन मसूदी से है।
बता दें कि शुक्रवार को एक इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में एक मु_ी भर परिवार ने राज्य के लोगों को ब्लैकमेल करने का रास्ता चुना हुआ है। ये लोग कश्मीर में एक भाषा बोलते हैं तो दिल्ली में दूसरी। इनका दोगलापन उजागर करना होगा। इनके अंदर दोनों जगह एक ही भाषा बोलने की हिम्मत होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर में सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का ही फार्मूला काम आएगा। इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत का फार्मूला