Edited By Monika Jamwal,Updated: 31 Jan, 2019 12:18 PM
हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक ने कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ उनकी फोन पर बात नई दिल्ली को नहीं सताना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के लिए एक पार्टी है।
श्रीनगर : हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक ने कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ उनकी फोन पर बात नई दिल्ली को नहीं सताना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के लिए एक पार्टी है। पार्टी मुख्यालय पर जनसभा को संबोधित करते हुए मीरवायज ने कहा कि कुरैशी के फोन ने भारत सरकार को क्यों परेशान किया, जबकि तथ्य यह है कि पाकिस्तान मुद्दे के लिए एक पार्टी है।
मीरवायज ने पूछा कि वह किस लिए आपत्ति जता रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने से नई दिल्ली सबसे ज्यादा परेशान होता है। क्या दुनिया को इसका पता नहीं चलना चाहिए? यदि भारत अपनी छवि के बारे में बहुत परवाह करता है तो उन्हें लोकतंत्र होने की अपनी बात करनी चाहिए और वार्ता के माध्य से विवाद को हल करना चाहिए तथा जनमत संग्रह का वायदा पूरा करना चहिए। मीरवायज ने कहा कि जहां एक तरफ भारत कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत के बारे में बात करता है लेकिन जमीन पर यह तथ्य है कि उन्होंने घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) की आड़ में दमन की सबसे खराब नीति को उजागर किया है जिसमें हर रोज हमारे युवाओं को निर्दयता से मारा जा रहा है।
हुरियत (एम) प्रमुख ने कहा कि नई दिल्ली का अडियल दृष्टिकोण कश्मीर मुद्दे को हल करने में सबसे बड़ी बाधा थी। हालांकि, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सभी दलों के साथ इंसानियत के दायरे में कश्मीर से निपटने के बारे में बात की थी। लेनिक मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर के लोगों की आवाज को दबाने के लिए केवल लोहे की मुट्ठी वाले सैन्य दृष्टिकोण का पालन किया है। साथ ही लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और हमें सभी मोर्चों पर एकता बनाने के लिए समय की जरुरत है।