जाधव मामले पर सख्त मोदी, रिश्तेदार बोले-मालूम था PAK बनाएगा दूसरा सरबजीत

Edited By ,Updated: 11 Apr, 2017 09:55 AM

if pak hanged to jadhav we will be treated as premeditated murder india

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना की फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद यहां भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश मंत्रालय में तलब कर कड़ा विरोध पत्र सौंपा।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना की फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद यहां भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश मंत्रालय में तलब कर कड़ा विरोध पत्र सौंपा। इस फैसले से भारत-पाक के रिश्तों में और तनाव आने की आशंका है। भारत ने कहा कि जाधव की मौत को भारत एक पूर्वनियोजित हत्या मानेगा। भारत ने बासित को कहा कि जिस कार्रवाई के आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह ‘हास्यास्पद’ है और उनके खिलाफ कोई ‘विश्वसनीय साक्ष्य’ नहीं हैं।

जाधव मामले पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) की ओर से जारी प्रैस विज्ञप्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि पिछले साल ईरान से उनका अपहरण किया गया था और पाकिस्तान में उनकी मौजूदगी के बारे में कभी कोई विश्वसनीय विवरण नहीं दिया गया। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए वाणिज्य दूतावास को जाधव तक संपर्क देने की मांग की और 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 अनुरोध औपचारिक तरीके से किए गए लेकिन ‘पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी।’

 आई.एस.पी.आर. के मुताबिक जाधव ने मैजिस्ट्रेट और अदालत के सामने स्वीकार किया कि उसे भारतीय खुफिया एजैंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने पाकिस्तान को अस्थिर करने और जंग छेडऩे के उद्देश्य से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उसका काम बलूचिस्तान और कराची में कानून का पालन करवाने वाली एजैंसियों के शांति बहाली के प्रयासों को बाधित करना था। गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने जाधव के कबूलनामे का वीडियो भी जारी किया था। वहीं एमनेस्टी इंटरनैशनल ने मौत की सजा सुनाने की निंदा की है। संस्था के मुताबिक इससे एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मानकों की अवहेलना की गई है।

कैदियों की रिहाई रोकी
जाधव की मौत की सजा को मंजूरी देने के कुछ घंटे बाद भारत ने फैसला किया कि वह उन 1 दर्जन पाक कैदियों को रिहा नहीं करेगा, जिन्हें बुधवार को उनके वतन भेजा जाना था। सरकार का मानना है कि कैदियों को रिहा करने का यह सही समय नहीं है। इन कैदियों को भारत और पाकिस्तान द्वारा जेलों में बंद एक-दूसरे के नागरिकों को सजा पूरी होने के बाद उनके देशों में वापस भेजने की परंपरा के तहत रिहा किया जाना था।

मालूम था पाक करेगा धोखा
जाधव को फांसी की सजा के ऐलान के बाद मुंबई में रह रहा उनका परिवार गहरे सदमे में है। खबर आने के साथ ही जब मीडियाकर्मी परिवार से बात करने के लिए पवई स्थित उनके अपार्टमेंट पहुंचने लगे तो परिवार वहां से किसी अज्ञात स्थान पर चला गया। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरह जाधव के परिवार को इस बात की भनक नहीं थी कि जाधव पर पाकिस्तान में मुकदमा चलाया जा रहा है। दोस्तों का कहना है कि उन्हें पहले से ही शक था कि पाकिस्तान जाधव का हाल भी सरबजीत जैसा ही करेगा।

नहीं था जाधव रॉ एजेंट
उनके एक दोस्त तुलसीदास पवार ने कहा, 'हमें पता था कि पाकिस्तान कुलभूषण का हाल भी सरबजीत जैसा ही करेगा। हम सभी दोस्त गहरे सदमे में हैं। बचपन में हमारे साथ खेलने वाला हमारा दोस्त बहुत बड़ी मुश्किल में है। वह बहुत मेहनती था और नेवी जॉइन करने पर बहुत खुश था। नेवी छोड़ने के बाद उसने दोस्तों को बताया था कि वह बिजनस शुरू करेगा। वह बिजनस ही कर रहा था और मुझे नहीं लगता कि उसने रॉ जाइन की होगी।'

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