भारत की दो टूक-बात करनी है तो मुंबई-पठानकोट आतंकी हमलों पर ठोस कदम उठाए PAK

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Jan, 2019 03:43 PM

if pakistan is ready for dialogue take any action against terrorist mea

भारत ने हाल ही में पाकिस्तान की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव को ‘अगंभीर’ करार देते हुए आज उससे तीन सवाल पूछे और कहा कि अगर वह वाकई में बातचीत को लेकर गंभीर है

नई दिल्लीः भारत ने हाल ही में पाकिस्तान की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव को ‘अगंभीर’ करार देते हुए आज उससे तीन सवाल पूछे और कहा कि अगर वह वाकई में बातचीत को लेकर गंभीर है तो उसे मुंबई एवं पठानकोट हमलों के जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध ठोस कदम उठाने होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर करारी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व अपने आर्थिक संकट से देश का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार की हल्की बयानबाजी का सहारा ले रहा है। उसके कदमों से ऐसा कदापि नहीं लगता कि वह वास्तव में बातचीत करना चाहता है। कुमार ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि खान का बयान कहां से आया है।
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के आम चुनावों में खान की जीत पर उन्हें फोन करके बधाई दी थी। जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला तो मोदी ने खान को और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बयानों पर वह उससे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं कि जब-जब पाकिस्तान कहता है कि वह भारत से बातचीत के लिए तैयार है, तब-तब उसके मंत्री प्रतिबंधित संगठनों के घोषित आतंकवादियों के साथ मंच क्यों साझा करते हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिसंबर में खान के ऐसे ही बयान के वक्त उनकी सरकार में अंतरधर्म मामलों के मंत्री एवं आंतरिक सुरक्षा राज्य मंत्री लश्करे तैयबा के सरगना हाफिज सईद के साथ एक ही मंच पर थे और भारत के बारे में जहरीले बयान दिये थे। पाकिस्तान के कबजे वाले कश्मीर में भी तहरीके इंसाफ पार्टी के नेता हाफिज सईद के साथ एक मंच पर दिखाई दिये हैं।
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प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार अगर बातचीत के लिए सचमुच गंभीर है तो मुंबई एवं पठानकोट के आतंकवादी हमलों के जिम्मेदार आतंकवादियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान वाकई में भारत के साथ बात करना चाहता है तो अपनी जमीन से आतंकवादी गतिविधियों को क्यों इजाजत देता है जो न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी दहशतगर्दी करते हैं।
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार आतंकवादी संगठनों को मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर रही है और अपने देश की आर्थिक बदहाली से जनता का ध्यान हटाने के लिए दूसरे देशों पर बयानबाजी कर रही है। इसमें कोई गंभीरता नहीं है। कुमार ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का बयान हाल ही में आया था। भारत का मानना है कि पाकिस्तान दुनिया का आखिरी देश हो सकता है जिसे भारत की सांस्कृतिक एवं धार्मिक बहुलता एवं एकता के बारे में टिप्पणी करने का अधिकार हो।

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