Edited By shukdev,Updated: 15 Sep, 2019 10:15 PM
महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक जन संपर्क अभियान के बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि यदि उनसे कहा गया तो उन्हें नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में काम करने पर खुशी होगी। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल...
मुंबई: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक जन संपर्क अभियान के बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि यदि उनसे कहा गया तो उन्हें नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में काम करने पर खुशी होगी। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत इस पार्टी के नेतृत्व में आम लोगों का विश्वास खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा,‘यदि मुझसे कहा गया तो मुझे नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में काम करने में खुशी होगी।'
मुख्यमंत्री से पूछा गया था कि यदि पार्टी नेतृत्व द्वारा उनसे केन्द्र सरकार में काम करने के लिए कहा गया तो वह क्या कदम उठाएंगे। फडणवीस ने पहले यह स्पष्ट किया था कि इस वर्ष अक्टूबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के बाद वह एक बार फिर महाराष्ट्र में राजग के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगे। फड़णवीस महाराष्ट्र में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं। उनके पांच साल के कार्यकाल को पूरा होने में महज चंद दिन बचे हैं। मुख्यमंत्री अपनी ‘महाजनादेश यात्रा' के तहत सतारा जा रहे थे। यह यात्रा 19 सितम्बर को नासिक जिले में संपन्न होनी है और इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाग लेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार को एक और कार्यकाल मिलेगा तो मुख्यमंत्री ने कहा,‘हमने काम किया है और हम इन कामों पर ही बात करने लोगों के बीच जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य लोगों में सकारात्मक भावनाओं को जागृत करना है।' फडणवीस ने कहा, ‘लोगों का कांग्रेस विशेषकर राहुल गांधी से भरोसा उठ चुका है। उनमें अपनी टिप्पणियों के परिणामों की गहरी समझ नहीं है। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद उनकी टिप्पणियों का पाकिस्तान ने अपने दावे को सही ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी को अपने शब्दों के बारे में बहुत सतर्क रहना चाहिए।' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राहुल की कोई विश्वसनीयता नहीं रही है कि वह कोई भी वादा करें। मैं कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई को पूरी तरह से अव्यवस्थित देखता हूं। कांग्रेस के एक नेता को अन्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में वे हमारा मुकाबला कैसे कर सकते हैं।' गौरतलब है कि राज्य के 2014 के चुनाव में भाजपा ने विधानसभा की 288 सीटों में से सबसे अधिक 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना ने 63 सीटें जीती थी।