Edited By Yaspal,Updated: 22 May, 2020 10:16 PM
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर सरकार की ओर से गरीबों, मजदूरों, किसानों और सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की वित्तीय मदद नहीं की गई तो देश में ‘आर्थिक तबाही'' हो जाएगी। विपक्षी दलों की बैठक में उन्होंने यह...
नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर सरकार की ओर से गरीबों, मजदूरों, किसानों और सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की वित्तीय मदद नहीं की गई तो देश में ‘आर्थिक तबाही' हो जाएगी। विपक्षी दलों की बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को राज्य सरकरों की मदद करनी चाहिए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक राहुल गांधी ने बैठक में सवाल किया, “लॉकडाउन के दो लक्ष्य हैं। बीमारी को रोकना और आने वाली बीमारी से लड़ने की तैयारी करना। पर आज संक्रमण बढ़ रहा है और लॉकडाउन हम खोल रहे हैं। क्या इसका मतलब है कि एकाएक बग़ैर सोचे किए गए लॉकडाउन से सही नतीजा नही आया?” उन्होंने कहा, “लॉकडाउन से करोड़ों लोगों को ज़बरदस्त नुक़सान हुआ है। अगर आज उनकी मदद नही की गई, उनके खातों में 7,500 रुपये नहीं डाला गया, अगर राशन का इंतज़ाम नहीं किया, अगर प्रवासी मज़दूरों, किसानों और एमएसएमई की मदद नहीं की तो आर्थिक तबाही हो जाएगी।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि लाखों करोड़ों का सरकार का पैकेज ये बात स्वीकार ही नहीं करता। लोगों को क़र्ज़ की जरूरत नहीं, सीधे मदद की आवश्यकता है। हमारी जिम्मेदारी है की हम सब आवाज़ उठाएं। ये देश का सवाल है, दलों का नही। अगर ऐसा नही हुआ तो करोड़ों ग़रीबी के जाल में उलझ जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना से लड़ाई ज़िलों व प्रांतों में लड़ी जा रही है। केंद्र नेतृत्व कर सकता है। पर जैसे केंद्र को प्रांतों की मदद करनी चाहिए थी, वह नही हुई। ये राजनीति नहीं, देशहित में सच मानने और प्रदेशों को ताक़त व आर्थिक मदद देने की बात है।”