Edited By Anil dev,Updated: 04 Jul, 2019 11:22 AM
यहां आईआईटी कैम्पस में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे वाराणसी के एक छात्र ने अच्छे ग्रेड न आने तथा नौकरी नहीं मिलने के कारण तनाव में आत्महत्या कर लिया। मार्क एंड्रयू चार्ल्स नाम के इस छात्र के हास्टल के कमरे में से आठ पेज का एक सुसाइड नोट मिला है
हैदराबाद: यहां आईआईटी कैम्पस में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे वाराणसी के एक छात्र ने अच्छे ग्रेड न आने तथा नौकरी नहीं मिलने के कारण तनाव में आत्महत्या कर लिया। मार्क एंड्रयू चार्ल्स नाम के इस छात्र के हास्टल के कमरे में से आठ पेज का एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने लिखा, ‘मेरे पास नौकरी नहीं, संभवत: मिलेगी भी नहीं, मैं अपने ग्रेड शीट को देखता हूं तो आश्चर्य होता है। ...यह एक अलफाबेट चार्ट जैसा नजर आता है।’
हाल ही में मार्क ने दूसरे साल की दी थी परीक्षा
हैदराबाद आईआईटी कैम्पस में इस साल किसी छात्र के आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। फरवरी महीने में थर्ड ईयर का छात्र अनिरुद्ध्य मुमनेनी अपने हास्टल की सातवीं मंजिल से नीचे कूद गया था। मार्क डिजाइन में मास्टर की डिग्री कर रहा था। हाल ही में उसने दूसरे साल की परीक्षा दी थी, पांच जुलाई को उसे अपना फाइनल प्रजेंटेशन देना था। अपने माता पिता तथा दोस्तों को संबोधित सुसाइडनोट में उसने लिखा है कि, औरों की तरह मेरे कोई सपने नहीं हैं, लेकिन अब सब ठीक है। सब कुछ खाली खाली है, सब कुछ सकारात्मक, लगातार मुस्कराना, लोगों से यह कहना कि मैं बिल्कुल ठीक हूं।
सुसाइड नोट में दोस्तों से मांगी माफी
पत्र में उसने अपने माता पिता से यह कहते हुए क्षमा मांगी है कि वह उनके उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। ‘दो साल से घर से दूर हूं, एक बेहतरीन संस्थान में, बेहतरीन लोगों के साथ, लेकिन यह सब बेकार रहा।’ मार्क ने अपने पत्र में माता पिता से अनुरोध किया है उसके शरीर का अंतिम संस्कार करने की जगह उसे मेडिकल कॉलेज को दान कर दें। कम से कम मेरी लाश देश के भावी डॉक्टरों के काम तो आएगी। मार्क सुसाइड नोट में अपने दोस्तों माफी मांगते हुए लिखा कि पिछला दो महीना उसके जीवन का सबसे अच्छा समय रहा। उसने अपने कुछ दोस्तों को सलाह दी है कि वे आईटी इंडस्ट्री में अपना जीवन न खराब करें। ‘अंकित रज्जो, आईटी में काम करते करते अपनी लाइफ मत भूल जाना, हर दिन जिंदगी जीते रहना, एक ही जिंदगी मिली है।’