IIT गांधीनगर की रिसर्च- क्लाइमेट चेंज से भारत में पड़ेगा सूखा, फसलों पर होगा बुरा असर

Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Mar, 2021 04:35 PM

iit gandhinagar research climate change will cause drought in india

जलवायु परिवर्तन से भारत में भविष्य में सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी, जिसका फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, सिंचाई की मांग बढ़ेगी और भूजल का दोहन बढ़ेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गांधीनगर में अनुसंधानकर्त्ताओं के एक अध्ययन में यह...

नेशनल डेस्क: जलवायु परिवर्तन से भारत में भविष्य में सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी, जिसका फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, सिंचाई की मांग बढ़ेगी और भूजल का दोहन बढ़ेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गांधीनगर में अनुसंधानकर्त्ताओं के एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, मिट्टी की नमी में तेजी से कमी आने के चलते अचानक सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि परंपरागत सूखे की तुलना में अचानक सूखा पड़ने से दो-तीन हफ्ते के अंदर एक बड़ा क्षेत्र प्रभावित हो सकता है, इससे फसल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ेगी।

 

यह अध्ययन एनपीजे क्लाइमेट जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें मॉनसून के दौरान पड़ने वाले सूखे में मानव जनित जलवायु परिवर्तन की भूमिका की पड़ताल की गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने भारत मौसम विभाग द्वारा एकत्र किए गए मिट्टी के नमूनों और जलवायु अनुमान का उपयोग अपने इस अध्ययन में किया। अध्ययन टीम ने इस बात का जिक्र किया है कि 1951 से 2016 के बीच सबसे भीषण सूखा 1979 में पड़ा था, जब देश का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा प्रभावित हुआ था। आईआईटी गांधीनगर में सिविल इंजीनियिरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर विमल मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने पाया कि मॉनसून में अंतराल से या मॉनसून आने में देर होने से भारत में अचानक सूखा पड़ने की स्थिति देखी गई है तथा भविष्य में अचानक सूखा पड़ने की तीव्रता बढ़ेगी।

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