Edited By Monika Jamwal,Updated: 08 May, 2019 06:34 PM
अवैध खनन के चलते एक तो पहले से ही दरियाओं और खड्डों का स्वरूप बिगड़ चुका है। ऊपर से विभाग कार्रवाई के बजाय अवैध खनन करने वालों की ही तरफदारी कर रहा है।
कठुआ (गुरप्रीत) : अवैध खनन के चलते एक तो पहले से ही दरियाओं और खड्डों का स्वरूप बिगड़ चुका है। ऊपर से विभाग कार्रवाई के बजाय अवैध खनन करने वालों की ही तरफदारी कर रहा है। राज्य सरकार द्वारा तमाम चलने वाले स्टोन क्रशरों के लिए एस.आर.ओ. 302 के तहत लाइैंसस लेना अनिवार्य किया गया है। परंतु हैरानगी है कि दो वर्ष पहले के आदेशों के बावजूद जिला कठुआ में साठ से ज्यादा स्टोन क्रशरों में से अब तक मात्र 9 स्टोन क्रशरों के पास इसका लाइसैंस है जबकि अन्य तमाम बाकी क्रशर नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं।
दरअसल जिला प्रशासन द्वारा एस.आर.ओ. 302 के लाइसैंसों के बिना चल रहे स्टोन क्रशरों पर कार्रवाई को लेकर एक आदेश जिला खनन विभाग को जारी किया। जिला विकास उपायुक्त एवं जिला मजिस्टे्रट के कार्यालय से आदेश संख्या नंबर डी.सी.के./एस.क्यू/2019-20/164-174, दिनांक 22 अप्रैल 2019 के तहत आदेश में कहा गया है कि बिना लाइसैंस के अवैध तरीके से चल रहे क्रशरों को खनन विभाग बंद करवाए और साथ ही एक रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को सौंपे। इन आदेशों में वर्ष 2017 को एस.आर.ओ. 302 के तहत लाइसैंस को लेकर सरकार की ओर से निकाले गए आदेशों का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि माइनर मिनरल वेस्ट यूनिट/स्टोन क्रशर/हाट वेट मिक्स प्लांटस के संचालन के लिए एस.आर.ओ. 302 के तहत लाइसैंस ज्योलाजी एवं माइनिंग निदेशालय से अनिवार्य है। आदेशों में साफ लिखा गया है कि बिना उक्त लाइसैंस के चल रहे यूनिटों को बंद करवाया जाए।
अब तक खनन विभाग ने नहीं सौंपी रिपोर्ट
कठुआ : गत 22 अप्रैल को निकाले गए आदेशों के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट द्वारा खनन विभाग को पंद्रह दिनों के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा गया था। पंरतु अब तक पंद्रह दिनों से ज्यादा का समय बीत चुका है। अब तक न तो कोई बिना उक्त लाइसैंस के चल रहे क्रशरों को बंद किया गया है और न ही खनन विभाग ने कोई रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है। ऐसे में खनन विभाग की कार्यप्रणाली पर सीधे तौर पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि खनन विभाग को दरियाओं, खड्डों में अवैध खनन की जानकारी नहीं है। जानकारी होने के बावजूद खनन विभाग खनन पर प्रतिबंध के बावजूद मूकदर्शक बन रियासत का सोना लूटते हुए देख रहा है। दरियाओं में खनन माफिया रात के समय भी बड़ी मशीनें आदि लगाकर खनन कर रहा है। हैरानी की बात है कि पिछले करीब दो वर्षो से बिना लाइसैंस के अवैध रूप से चल रहे क्रशरों पर कार्रवाई के वजाए विभाग द्वारा ही उनकी अकसर तरफदारी करने से साफ हो जाता है कि उनका अबैध रूप से चलने वाले क्रशरों से इतना प्रेम क्यों है।
डी.एम.ओ. का अवैध चल रहे क्रशरों के प्रति प्रेम?
जिला खनन अधिकारी डॉ राजेंद्र सिंह ने बिना लाइसैंस के चलने वाले क्रशरों के प्रति प्रेम जताया है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने करोड़ों रुपये खर्च कर यूनिट लगा रखे हैं और लाइसैंस के लिए उन्हें आवेदन दिया है जिसकी प्रक्रिया जारी है। प्रशासन की ओर से रिपोर्ट मांगी गई थी जबकि प्रशासन से उन्होंने और थोड़ा समय मांगा है। लाइसैंस लेना भी अनिवार्य है इसके लिए क्रशर प्रबंधकों को कहा भी गया है। हैरानी है कि आदेशों के दो सालों के बाद भी अब तक यूनिटों द्वारा लाइसैंस नहीं लिए गए हैं।