Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 05:36 PM
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की कई प्रमुख सड़कें उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त ईपीसीए की निगरानी में आ गई हैं। ये सड़कें खराब हालत में है। ईपीसीए या पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने क्षेत्र में अधिकारियों से ऐसी सड़कों की...
नेशनल डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की कई प्रमुख सड़कें उच्चतम न्यायालय से अधिकार प्राप्त ईपीसीए की निगरानी में आ गई हैं। ये सड़कें खराब हालत में है।
ईपीसीए या पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने क्षेत्र में अधिकारियों से ऐसी सड़कों की सूची तैयार करने को कहा है। दिल्ली, नोएडा और गुडग़ांव में तीन-तीन सड़कें की पहचान की जाए। यह इसलिए अहमियत रखता क्योंकि आईआईटी कानपुर ने दिल्ली के वायु प्रदूषण पर एक अध्ययन किया था जिसने सड़क पर धूल को शहर में सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर का सबसे बड़ा कारण बताया है।
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने कहा कि ‘‘ उच्च प्रभाव’ वाली सड़कों की पहचान करने के बाद प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए बृहद कार्य योजना के तहत तत्काल धूल नियंत्रण के उपाय किए जाएंगे। दीपावली के बाद धूल में इजाफा हुआ है। ईपीसीए ने कहा कि समस्या जितनी बड़ी है उसके मुकाबले पहल का पैमाना छोटा लगता है। कई और सड़कें ईपीसीए की निगरानी में आएंगी और उन्हें बाद में कार्य योजना के दायरे में लाया जाएगा।
दिल्ली पर्यावरण विभाग और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई समेत संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करके सड़कों की पहचान करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। आईआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम 10 का कुल 50 प्रतिशत और पीएम 2.5 का करीब &8 फीसदी हिस्सा सड़क की इसी धूल का होता है।