Edited By vasudha,Updated: 13 Sep, 2019 09:17 AM
कश्मीर पर नापाक मंसूबे पालने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज अपने देश की करतूतों को कबूल कर लिया है। उन्होंने कहा कि 1980 में अफगानिस्तान में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान ने जेहादियों को तैयार किया...
नेशनल डेस्क: कश्मीर पर नापाक मंसूबे पालने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज अपने देश की करतूतों को कबूल कर लिया है। उन्होंने कहा कि 1980 में अफगानिस्तान में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान ने जेहादियों को तैयार किया।
इमरान खान ने कहा कि उनके देश को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी नाकामी का दोष पाकिस्तान के सिर पर मढ़ दिया जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हमने 9/11 के बाद अमेरिकी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया होता तो आज हम दुनिया के सबसे खतरनाक देश नहीं होते।
इमरान खान ने कहा कि 80 के दशक में हमने मुजाहिदों को सोवियत के खिलाफ अफगानिस्तान में लड़ने की ट्रेनिंग दी। इनकी फंडिग अमेरिका की CIA के द्वारा की गई थी। एक दशक बाद अमेरिकी अफगानिस्तान आते हैं इसलिए इसे जिहाद नहीं आतंकवाद कहने को कहा जाता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक बड़ा विरोधाभास है, पाकिस्तान को न्यूट्रल रहना चाहिए था, इसमें शामिल होने की वजह से ये ग्रुप्स हमार खिलाफ हो गए। उन्होंने कहा कि इसमें हमने 70 हजार लोगों की जिंदगी गंवाई है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 100 अरब डॉलर से ज़्यादा का नुकसान हुआ है।