Edited By Monika Jamwal,Updated: 20 Sep, 2018 10:55 AM
बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद इमरान खान द्वारा पहली बार पाकिस्तानी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई.एस. मुख्यालय जाकर उसके अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी पीठ थपथपाने के बाद खुले तौर पर आई.एस.आई.एस. को पाकिस्तान की प्रथम सुरक्षा...
पुंछ (धनुज): बीते दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद इमरान खान द्वारा पहली बार पाकिस्तानी गुप्तचर एजैंसी आई.एस.आई.एस. मुख्यालय जाकर उसके अधिकारियों से मुलाकात कर उनकी पीठ थपथपाने के बाद खुले तौर पर आई.एस.आई.एस. को पाकिस्तान की प्रथम सुरक्षा कहना भारत के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। जानकारों के अनुसार पाक प्रधानमंत्री इमरान द्वारा इस तरीके की बयानबाजी करना सीधे तौर पर आतंकवाद का समर्थन करना है, जिसके कारण आने वाले समय में पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयास तथा संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में भी वृद्धि होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पाक गुप्तचर एजैंसी तथा पाक सेना का हमेशा प्रयास भारत-पाक संबंधों में तनाव लाने का रहता है और भारत में हालात खराब करने के लिए हर समय पाक गुप्तचर एजैंसी, पाक सेना तथा पाक सरकार द्वारा मुहिम चलाई जाती है, जिसके लिए बकायदा भारत में मौजूद पाक समर्थक तथा आतंकी संगठनों के हमदर्द कोई न कोई प्रयास जारी रखते हैं। वहीं कश्मीर घाटी में बैठे अलगाववादी देशद्रोही हुर्रियत सरीखे कई संगठन हमेशा कश्मीर का माहौल खराब करने के लिए कार्य करते हैं और घाटी में पत्थरबाजी करना व आतंकी संगठन आई.एस.आई.एस. एवं पाकिस्तानी के झंडे फ हराना भी इसी मुहिम का एक हिस्सा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा गुप्तचर एजैंसी की तारीफ करना सीधे तौर पर आतंकवाद को भारत में खुलकर गतिविधियां करने तथा हमले करने के लिए आशीर्वाद है, जिसका एक नजारा हाल ही में ककरयाल (कटड़ा) में हुआ नाकामयाब आतंकी हमला है, जबकि आने वाले दिनों में ऐसे हमलों के बढऩे की भी आशंकाहै।