Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Jun, 2018 11:25 AM
शुक्रवार, 13 जुलाई 2018 को पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग में सूर्य ग्रहण होगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। हर ग्रह धरती और धरती पर रहने वालों पर अपना प्रभाव डालता है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
शुक्रवार, 13 जुलाई 2018 को पुनर्वसु नक्षत्र और हर्षण योग में सूर्य ग्रहण होगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। हर ग्रह धरती और धरती पर रहने वालों पर अपना प्रभाव डालता है। सूर्य ग्रहण चाहे दृश्य नहीं होगा लेकिन फिर भी सावधान रहना होगा। इस ग्रहण को धु्रवीय क्षेत्रों, दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न, स्टीवर्ट आईलैंड और होबार्ट में आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण 13 जुलाई को सुबह लगभग 7:18 से शुरू होगा, मध्य लगभग 8:13 पर और मोक्ष 9:43 पर होगा।
सूर्य ग्रहण के प्रभाव से कुछ प्रदेशों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। भूस्खलन, बाढ़, भूकंप, समुद्र में तूफान, आंधी जैसी अपदाएं भी हो सकती हैं। इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में कुछ बड़े फेरबदल हो सकते हैं। बड़े देशों में युद्ध की संभावनाएं बन सकती हैं। जो देश गुपचुप तरीके से एक-दूसरे के प्रति वैर भाव रख रहे थे, वे अब खुलकर विरोध में आएंगे।
भारत पर इस ग्रहण के बुरे प्रभाव की बात करें तो कोई बड़ी दुर्घटना होने के आसार हैं। किसी बड़े पॉलिटिशियन का भांडा फूट सकता है। ग्रहण में सूर्य और चंद्र एक साथ होंगे, जिस वजह से आम जनता की सोचने-समझने की शक्ति पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। भाईचारे की भावना खत्म होगी, विरोधभाव बढ़ेगा। हिंसक घटनाओं और तनाव की स्थिती में इज़ाफा होगा।
ग्रहण की अशुभता से बचने के लिए 12 राशियों के लोग, ग्रहण के दौरान शिव चालीसा और आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इस दौरान नवग्रहों के पूजन का विशेष महत्व है। भूखों को भोजन करवाएं, गाय माता को रोटी, चारा, काला नमक या गुड़ खिलाएं।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान चाकू, छुरी, काटने वाली वस्तुओं का उपयोग और सिलाई नहीं करनी चाहिए। ग्रहण का दौर शुरू होने से पहले तुलसी के पत्ते खा लें। ग्रहण की छाया मां और बच्चे दोनों पर नहीं पड़नी चाहिए।
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