Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 08:12 PM
पाकिस्तान में निजामुद्दीन दरगाह के 2 मौलवियों की हिरासत को आईएसआई के ऑपरेशन का नतीजा माना जा रहा है। इन दोनों के लाहौर दौरे में कुछ भी संदिग्ध नहीं था।
पंजाब केसरी(नई दिल्ली): पाकिस्तान में निजामुद्दीन दरगाह के 2 मौलवियों की हिरासत को आईएसआई के ऑपरेशन का नतीजा माना जा रहा है। इन दोनों के लाहौर दौरे में कुछ भी संदिग्ध नहीं था। फिलहाल उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर कहा जा रहा है कि हजरत निजामुद्दीन औलिया के प्रमुख मौलवी सैयद आसिफ निजाम और उनके भतीजे नजीम अली निजामी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने इसलिए हिरासत में लिया था क्योंकि वे अक्सर पाकिस्तान दौरे पर जाया करते थे। आईएसआई को शक था उनके लगातार दौरों के पीछे कोई गुप्त अजेंडा था। सूत्रों का कहना है कि मौलवी पाकिस्तान सिर्फ इसलिए जाते थे क्योंकि निजामुद्दीन दरगाह की दूर-दूर तक चर्चा है, उनके पास वीजा परमिट भी था।
पहले आई रिपोर्टें के उलट दोनों ने सिन्ध की यात्रा नहीं की और न ही मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट कार्यकर्ताओँ से किसी तरह का संपर्क साधने की कोशिश की। एक स्थानीय अखबार में दोनों मौलवियों के पाकिस्तान आने और उनके दौरे के मकसद पर सवाल उठाए जाने के बाद इन्हें हिरासत में लिया गया था। आसिफ निजामी अपनी बहन के बुलावे पर पाकिस्तान गए थे और वह अपने भतीजे की तरह अक्सर पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाते थे। सूत्रों का कहना है कि दोनों मौलवी पाकिस्तान में जाकर अनुयायियों से मिलना और दरगाह के लिए फंड जुटाना चाहते थे।