Edited By shukdev,Updated: 18 Nov, 2019 07:03 PM
राज्यसभा के 250वें सत्र के प्रारंभ होने पर सोमवार को आसन का नजारा कुछ बदला सा लग रहा था। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों की एकदम नई वेषभूषा के कारण महसूस हुआ। आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार....
नई दिल्ली: राज्यसभा के 250वें सत्र के प्रारंभ होने पर सोमवार को आसन का नजारा कुछ बदला सा लग रहा था। यह बदलाव आसन की सहायता के लिए मौजूद रहने वाले मार्शलों की एकदम नई वेषभूषा के कारण महसूस हुआ। आम तौर पर उच्च सदन की बैठक आसन की मदद करने वाले कलगीदार पगड़ी पहने किसी मार्शल के सदन में आकर यह पुकार लगाने से शुरू होती है कि ‘माननीय सदस्यों, माननीय सभापति जी।' किंतु सोमवार को इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की ‘पी-कैप' थी। साथ ही उन्होंने गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की आधुनिक सुरक्षाकर्मियों वाली वर्दी धारण कर रखी थी।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि इस बारे में किए गए उच्चस्तरीय फैसले के बाद मार्शल के लिए जारी ड्रेस कोड के तहत सदन में तैनात मार्शलों को कलगी वाली सफेद पगड़ी और पारंपरिक औपनिवेशिक परिधान की जगह अब गहरे हरे रंग की वर्दी और कैप पहननी होगी। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार पिछले कई दशकों से चल रहे इस ड्रेस कोड में बदलाव की मांग मार्शलों ने ही की थी।
उल्लेखनीय है कि सभापति सहित अन्य पीठासीन अधिकारियों की सहायता के लिए लगभग आधा दर्जन मार्शल तैनात होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मार्शलों ने उनके ड्रेस कोड में बदलाव कर ऐसा परिधान शामिल करने की मांग की थी जो पहनने में सुगम और आधुनिक ‘लुक' वाली हो। इनकी मांग पर को स्वीकार कर राज्य सचिवालय और सुरक्षा अधिकारियों ने नई ड्रेस को डिजायन करने के लिए कई दौर बैठकें कर नए परिधान को अंतिम रूप दिया। सूत्रों के अनुसार मार्शलों ने इस बदलाव पर खुशी जाहिर की है।