Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Oct, 2024 11:13 AM
भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक तनाव अब और गहरा गया है। भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक देश छोड़ने का आदेश दिया है, जिसके बाद कनाडा ने भी भारत के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इस घटनाक्रम से दोनों देशों के संबंधों में आई...
नेशनल डेस्क: भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक तनाव अब और गहरा गया है। भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक देश छोड़ने का आदेश दिया है, जिसके बाद कनाडा ने भी भारत के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। इस घटनाक्रम से दोनों देशों के संबंधों में आई खटास का असर वीजा प्रक्रियाओं पर भी पड़ने की आशंका है, जिससे वीजा आवेदकों में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
वीजा आवेदनों पर संकट का असर
दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के कारण वीजा प्रक्रियाओं में देरी और कटौती हो सकती है। विशेष रूप से भारतीय मूल के नागरिक, जो कनाडा में रहते हैं और अपने परिवार से मिलने के लिए भारत आते हैं, उन्हें इस संकट का सीधा असर झेलना पड़ सकता है। पिछले साल, जब तनाव बढ़ा था, तब भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया था। हालांकि, ओसीआई कार्ड धारकों और लॉन्ग टर्म वीजा धारकों पर इसका असर नहीं पड़ा।
खालिस्तान समर्थक की हत्या से उपजा तनाव
यह राजनयिक संकट तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2022 में भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। ट्रूडो ने दावा किया था कि इस हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहराता गया। भारत ने इसके जवाब में कनाडा के दो-तिहाई से ज्यादा राजनयिकों को वापस भेज दिया था।
वीजा सेवाएं और सीधी एयर कनेक्टिविटी प्रभावित
भारत और कनाडा के बीच कोविड-19 के बाद से सीधी हवाई सेवाएं अभी तक बहाल नहीं की गई हैं। वीजा सेवाओं में भी कटौती की जा रही है। पिछले साल जब तनाव बढ़ा था, भारत ने एक महीने के लिए कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया था। वहीं, नवंबर 2023 में भारत ने वीजा सेवाएं फिर से शुरू कीं, लेकिन प्राथमिकता के आधार पर केवल बिजनेस और मेडिकल वीजा जारी किए गए। इसके जवाब में कनाडा ने भी बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाओं को अस्थाई रूप से बंद कर दिया था।
भारतीय छात्रों पर वीजा कटौती का असर
कनाडा के उच्च शिक्षण संस्थानों में भारतीय छात्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हालांकि, इस साल कनाडा ने दो साल की अवधि के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट वीजा की संख्या को 3.60 लाख तक सीमित कर दिया, जो कि 2022 की तुलना में 35% कम है। इस फैसले का सीधा असर भारतीय छात्रों पर पड़ा, क्योंकि कनाडा में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में 41% भारतीय होते हैं। वीजा की संख्या में इस कटौती के कारण कम भारतीय छात्रों को कनाडा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल पाएगा।
इस राजनयिक संकट का दीर्घकालिक प्रभाव भारत और कनाडा के बीच संबंधों और नागरिकों की वीजा प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है। वीजा आवेदक और नागरिक इस अनिश्चितता की स्थिति से जूझ रहे हैं, और आने वाले समय में यह देखना होगा कि दोनों देश कैसे इस संकट का समाधान करते हैं।