Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 11:14 AM
आजादी के बाद कई बार युद्ध का दंश झेल चुके भारत और पाकिस्तान के बीच फिर जंग के आसार नजर आ रहे हैं और अगला युद्ध पानी को लेकर हो सकता है। दोनों देशों कश्मीर में अपने-अपने इलाके में कई हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं के काम में लगे हुए हैं...
इस्लामाबादः आजादी के बाद कई बार युद्ध का दंश झेल चुके भारत और पाकिस्तान के बीच फिर जंग के आसार नजर आ रहे हैं और अगला युद्ध पानी को लेकर हो सकता है। दोनों देशों कश्मीर में अपने-अपने इलाके में कई हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं के काम में लगे हुए हैं। किशनगंगा नदी पर बन रही भारतीय परियोजनाओं का पाकिस्तान विरोध कर रहा है। उसे आशंका है कि भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी अपनी ओर मोड़ सकता है।
तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण दोनों देशों में जन संसाधनों में कमी आ रही है और दोनों देश ताजे पानी पर नियंत्रण बनाए रखने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया था कि भविष्य में पानी की कमी से देश में खाद्य सुरक्षा और लंबी अवधि वृद्धि की राह में मुश्किलें आएंगी। नीलम नदी का पानी सिंधु नदी में जाकर मिलता है। किशनगंगा कहलाने वाली नीलम नदी तिब्बत से निकलकर कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान जाती है। पाक के पंजाब प्रांत समेत बड़े हिस्से की पानी की जरूरत इसी नदी के पानी से पूरी होती है।
दरअसल दोनों देशों के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था। इसके तहत भारत के पास व्यास, रावी और सतलुज जबकि पाकिस्तान के पास सिंधु, चेनाब और झेलम नदी के पानी के इस्तेमाल का अधिकार है लेकिन ये ज्यादातर नदियां भारत से होकर गुजरती हैं। ऐसे में पाकिस्तान को डर सताता रहता है कि भारत कहीं उसके जलस्रोत पर रोक न लगा दे। और इसी डर की वजह से पाक के भारत से भिड़ने के आसार हैं।