Edited By vasudha,Updated: 26 Jun, 2020 03:13 PM
वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करने वाले स्क्वाड्रन लीडर (अवकाशप्राप्त) परवेज रुस्तम जामस्जी का निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। जामस्जी को 1971 की लड़ाई में उनकी वीरता के लिए ‘वीर चक्र'' से पुरस्कृत किया गया था...
नेशनल डेस्क: वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करने वाले स्क्वाड्रन लीडर (अवकाशप्राप्त) परवेज रुस्तम जामस्जी का निधन हो गया है। वह 77 साल के थे। जामस्जी को 1971 की लड़ाई में उनकी वीरता के लिए ‘वीर चक्र' से पुरस्कृत किया गया था।
युद्ध में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में अभियान को अंजाम देते समय उन्हें चोट आई थी जिसकी वजह से वह छड़ लेकर चलते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री है। यहां के दादर क्षेत्र की पारसी कॉलोनी में रहने वाले जामस्जी का निधन बृहस्पतिवार की रात हुआ। वह कुछ समय से बीमार थे। उन्हें मिले ‘वीर चक्र' से संबंधित प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान के खिलाफ दिसंबर 1971 में अभियान के दौरान जामस्जी एक हेलीकॉप्टर इकाई के साथ फ्लाइट लेफ्टिनेंट के रूप में सेवारत थे।
वह अपना हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे जिसपर दो बार मशीन गन और दो बार मोर्टार से हमला किया गया। अद्भुत शौर्य और चतुराई का प्रदर्शन करते हुए वह अपने हेलीकॉप्टर को वापस ले आए। इसमें कहा गया कि दुश्मन के ठिकाने के ऊपर एक बार उनके हेलीकॉप्टर का इंजन खराब हो गया, लेकिन वह इसे हमारे क्षेत्र में सुरक्षित ले आए। समूची उड़ान के दौरान परवेज रुस्तम जामस्जी ने वीरता, पेशेवर कौशल और उच्च कोटि का सेवा समर्पण प्रदर्शित किया। वह 1965 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे और 1985 में उन्होंने अवकाश ग्रहण किया।