Edited By shukdev,Updated: 15 Dec, 2018 08:10 PM
फ्रांस से खरीदे जा रहे राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को लेकर देश में मचे बवाल के बीच फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां येव द्रयां ने शनिवार को कहा कि भारत जानता है कि सहयोगी के रूप में फ्रांस हमेशा उसके साथ खड़ा रहा है। भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के विदेश...
नई दिल्ली: फ्रांस से खरीदे जा रहे राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को लेकर देश में मचे बवाल के बीच फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां येव द्रयां ने शनिवार को कहा कि भारत जानता है कि सहयोगी के रूप में फ्रांस हमेशा उसके साथ खड़ा रहा है। भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के विदेश मंत्री द्रयां ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक के बाद कहा, ‘यह संयोग नहीं है कि भारत और फ्रांस इस वर्ष अपनी सामरिक भागीदारी की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम बहुलवाद एवं कानून के शासन में विश्वास करते हैं और चाहते हैं कि विश्व में इसी तरह की व्यवस्था बने। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भारत जानता है कि फ्रांस उसका ऐसा सहयोगी है जिसने सदा उसका साथ दिया है।’
उन्होंने कहा कि भारत फ्रांस पर भविष्य में भी भरोसा कर सकता है और सामरिक मोर्चे पर भी यह बात उतनी ही सही है। सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढाने की भी उन्होंने पुरजोर वकालत की। उन्होंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यता के मुद्दे पर फ्रांस के समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया। इस बीच द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती की दिशा में कदम उठाते हुए देश के प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केन्द्र सी-डैक ने फ्रांस स्थित अटोस कंपनी के साथ सुपरकंप्यूटर के संबंध में एक करार पर हस्ताक्षर किए।
अटोस के साथ यह करार 4500 करोड़ रुपए की लागत वाली योजना राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत किया गया है। इससे देश के विभिन्न शैक्षणिक और शोध संस्थानों में उच्च क्षमता वाली 70 से भी अधिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं का नेटवर्क बनाया जाएगा। द्रयां ने कहा कि दोनों देश अपने नागरिकों के माध्यम से संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र के जैतापुरा में ‘यूरोपीय प्रेसराइज्ड रिएक्टर’ की परियोजना की प्रगति की समीक्षा की और इससे संबंधित भविष्य की योजना पर बात की।
सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों पक्षों ने आतंकवाद से मिलकर निपटने पर सहमति जताई है, साथ ही रक्षा उत्पादों के संयुक्त विनिर्माण के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर भी पर दोनों के बीच विस्तार से बात हुई। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की गत अक्टूबर में फ्रांस यात्रा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रति वचनबद्ध हैं।