Edited By Yaspal,Updated: 22 Sep, 2020 10:15 PM
पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए भारत और चीन की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय किया है। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने...
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए कई कदमों की घोषणा करते हुए भारत और चीन की सेनाओं ने अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने का निर्णय किया है। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता के संबंध में भारतीय सेना और चीनी सेना ने मंगलवार देर शाम एक संयुक्त बयान में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को स्थिर करने के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने गहराई से विचारों का अदान-प्रदान किया और दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए।
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को 14 घंटे तक बैठक चली थी। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने, जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए।
पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को 14 घंटे तक बैठक चली थी। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर सहमत होने के साथ ही अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिक न भेजने, जमीनी स्थिति को एकतरफा ढंग से न बदलने पर सहमत हुए।
बता दें कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने सीमा पर मई की शुरुआत से जारी टकराव को खत्म करने के लिए भारत एवं चीन के बीच 10 सितंबर को हुए पांचसूत्री द्विपक्षीय समझौते के क्रियान्वयन पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 10 सितंबर को मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच हुए समझौते को निश्चित समय-सीमा में लागू करने पर जोर दिया।