Edited By Tanuja,Updated: 13 Apr, 2018 01:46 PM
डोकलाम और अरुणाचल जैसे मुद्दों पर लगातार विवादों में उलझ रहे 2 दुश्मन देश भारत-चीन अब एक महत्वपूर्ण मसले पर एक-दूसरे से हाथ मिला सकते हैं । यह मसला है तेल का जिस पर हिंदी-चीनी एक बार फिर भाई-भाई हो सकते हैं...
बीजिंगः डोकलाम और अरुणाचल जैसे मुद्दों पर लगातार विवादों में उलझ रहे 2 दुश्मन देश भारत-चीन अब एक महत्वपूर्ण मसले पर एक-दूसरे से हाथ मिला सकते हैं । यह मसला है तेल का जिस पर हिंदी-चीनी एक बार फिर भाई-भाई हो सकते हैं।
दरअसल भारत व चीन मिलकर दुनिया की तेल खपत में करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं,इसलिए अब इस संभावना पर विचार होने लगा है दोनों देश मिलकर पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों से कच्चा तेल खरीदने के मामले में बेहतर तरीके से मोलभाव करें।
एक खबर के अनुसार, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान और चाइना नैशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (CNPC) के चेयरमैन वांग यिलिन तथा अन्य चीनी अधिकारियों से बातचीत में यह निर्णय किया गया है. 16वें इंटरनेशनल एनर्जी फोरम के मंत्रिस्तरीय राउंड के अवसर पर सभी लोग जुटे थे और उसी दौरान यह बातचीत हुई.