Edited By Tanuja,Updated: 04 Jun, 2022 03:01 PM
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के रूस से कच्चा तेल आयात करने की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया। जयशंकर ने शुक्रवार...
इंटरनेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के रूस से कच्चा तेल आयात करने की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया। जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि अगर यूरोप रूस से तेल और गैस की खरीद इस तरह से करता है कि उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई बुरा असर न पड़े तो ऐसी आजादी दूसरों के लिए भी होनी चाहिए। स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान संवाद सत्र में जयशंकर की उक्त टिप्पणी, भारत द्वारा रियायती रूसी तेल के आयात को लेकर पश्चिमी देशों की बढ़ती आलोचना की पृष्ठभूमि में आई है।
जयशंकर ने कहा, ''लोगों को यह समझने की जरूरत है कि यदि आप अपने बारे में विचारशील हो सकते हैं, तो निश्चित रूप से आप अन्य लोगों का भी ध्यान रख सकते हैं।'' विदेश मंत्री ने कहा कि आज, यूरोप रूस से तेल और गैस खरीद रहा है और रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि लोगों के कल्याण पर उसका अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि तत्काल रूसी ऊर्जा आयात में कटौती करने के बजाय इसके लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
जयशंकर से रूस से भारत के कच्चे तेल के आयात में नौ गुना वृद्धि संबंधी रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था। विदेश मंत्री ने गेहूं के निर्यात में कटौती के हालिया कदम का भी बचाव किया और उसे उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि भारतीय गेहूं भंडार सका इस्तेमाल सट्टा कारोबार के लिए किया जाता है। "कम आय वाले देश, जिनमें से कई हमारे पड़ोसी बांग्लादेश, श्रीलंका खास तौर पर खाड़ी जैसे पारंपरिक खरीदार हैं, हमसे नियमित रूप से गेहूं खरीदते हैं।
यमन हमसे खरीदता है, सूडान हमसे खरीदता है, हमने देखा की कम आय वाले खरीदारों का शोषण हो रहा था। गेहूं वास्तव में कारोबार के लिए स्टॉक किया जा रहा था इसलिए हमारी सद्भावना का इस्तेमाल अटकलों के लिए किया जा रहा था। इसलिए हमें इसे रोकने के लिए गेहूं के निर्यात में कटौती करने का फैसला लेना पड़ा ।