रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में भागीदारी के लिए खुले हैं भारत के दरवाजे: राजनाथ सिंह

Edited By Seema Sharma,Updated: 04 Nov, 2019 04:25 PM

india doors open for participation in defense manufacturing rajnath

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी और युद्धक टैंक बनाने की क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हैं और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आधार बढाने के लिए वह दुनिया के तमाम देशों के साथ भागीदारी की...

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी और युद्धक टैंक बनाने की क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हैं और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आधार बढाने के लिए वह दुनिया के तमाम देशों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले वर्ष फरवरी में होने वाली रक्षा प्रदर्शनी ‘डेफ एक्सपो' से पहले राजनाथ ने सोमवार को यहां 80 से भी अधिक देशों के राजदूतों तथा रक्षा अताचियों के साथ ‘एम्बेस्डर्स राउंड टेबल' बैठक में कहा कि दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के सबसे बड़े रक्षा औद्योगिक तंत्रों में से एक भारत में है और इस क्षेत्र में हम अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहते हैं।

 

भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं जो चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से लेकर परमाणु पनडुब्बी बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा क्षेत्र के नौ प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम हैं, 41 आयुध निर्माणी हैं और 50 अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशाला हैं। करीब 70 लाइसेंस होल्डिंग निजी कंपनी भी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में काम कर रही हैं। भारत विभिन्न सैन्य प्लेटफार्म की मरम्मत, रखरखाव, ओवरहालिंग और सर्विस के गढ के रूप में भी उभर कर सामने आया है।

 

भारतीय रक्षा उद्योग अब परिपक्व हो गया है और वह मित्र देशों के साथ साझेदारी में देश तथा विदेशों में रक्षा उद्योगों की स्थापना की संभावना तलाश रहा है। सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसा रक्षा औद्योगिक आधार बनाने पर ध्यान केन्द्रीत किया है जो तकनीकी रूप से प्रतिस्पर्धी, सुविधाओं से लैस विनिर्माण केन्द्र और लाभकारी व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों का उत्पादन रिकॉर्ड 80 हजार 502 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जो 11.5 अरब डालर के बराबर है। वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 90 हजार करोड़ डालर का लक्ष्य रखा है जो 13 अरब डॉलर के बराबर है। वर्ष 2018-19 में रक्षा निर्यात 10,746 करोड़ रुपए रहा और वर्ष 2019-20 के लिए निर्यात का लक्ष्य 15 हजार करोड़ रुपए रखा गया है।

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