दुनिया के बड़े प्रोत्साहन पैकजों में एक भारत का आर्थिक पैकेज, निवेश आकर्षित करने पर होगा जोर

Edited By Seema Sharma,Updated: 13 May, 2020 08:04 AM

india economic package among the world largest stimulus packages

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के जिस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा मंगलवार को की वह दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा अब तक घोषित बड़े आर्थिक पैकेजों में से...

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के जिस प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा मंगलवार को की वह दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा अब तक घोषित बड़े आर्थिक पैकेजों में से एक है। मोदी ने कहा है कि यह पैकेज ‘भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित किया जा रहा है। इसमें देश में निवेश करने वाली कंपनियों को लुभाने के उपाय शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपए का यह पैकेज देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 10 प्रतिशत के बराबर होगा। इस लिहाज से यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे देशों द्वारा घोषित बड़े पैकेजों में सुमार हो गया है।

 

अमेरिका ने GDP के 13 प्रतिशत के बराबर का बड़ा पैकेज घोषित किया वहीं जापान सरकार ने जीडीपी के 21 प्रतिशत से अधिक बड़े पैकेज की घोषणा की है। पैकेज में उद्योगों को निवेश के लिए भूमि उपलब्ध कराने, श्रम सुधारों के क्षेत्र में कदम बढ़ाने जैसे उपाय भी हो सकते हैं। चीन छोड़कर अन्यत्र जगह तलाशने वाली जाने वाली कंपनियों को लुभाने के लिए यह घोषणा की जा सकती हैं। दवा और चकित्सा उपकरणों के विनिर्माण में आने वाली कंपनियों को कर छूट दी जा सकती है। भारत के 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में इससे पहले सरकार द्वारा घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपए का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज भी शामिल होगा। मार्च अंत में ही रिजर्व बैंक ने भी बयाज दरों में कटौती की, विभिन्न क्षेत्रों के लिए नकदी बढ़ाने और उद्योग जगत के लिए किस्तों के भुगतान में तीन माह की राहत जैसे उपायों की घोषणा की गई। सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा अब तक घोषित ये सभी उपाय 6.5 लाख करोड़ रुपए के आसपास बैठते हैं जो कि जीडीपी का 3.2 प्रतिशत के करीब हैं।

 

मोदी ने कहा कि सरकार की पहले की गई घोषणाओं और रिजर्व बैंक के निर्णयों को मिलकर यह पूरा पैकेज 20 लाख करोड़ रुपए का होगा जो कि भारत की GDP के 10 प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने कहा कि यह पैकेज भूमि,  श्रम, तरलता और कानून पर केन्द्रित होगा और इससे कुटी उद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मझौले उद्यमों सहित मध्यम वर्ग और उद्योगों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने हालांकि पैकेज का ब्यौरा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले कुछ दिन में प्रत्येक क्षेत्र को दिए गए पैकेज का ब्योरा उपलब्ध कराएंगी। पिछले पैकेजे के आंकड़ों को देखते हुए ऐसा लगता है कि सरकार 12- 13 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि अर्थव्यवस्था में डालेगी। प्रधानमंत्री ने पैकेज के बारे में कुछ संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि पैकेज में छोटे उद्योगों को कर राहत, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने पर जोर होगा।

 

पैकेज में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, इलेक्ट्रानिक, दूरसंचार कलपुर्जो और पूंजीगत सामानों के क्षेत्र में एक न्यूतम सीमा से अधिक का नया निवेश करने वाली कंपनियों को पूरी तरह से कर छूट दी जा सकती है। ढांचागत क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहित करने के लिये भी पैकेज में नये उपाय घोषित किए जा सकते हैं। इससे पहले घोषित प्रधानमंत्री गरीब कलयाण पैकेज में गरीबों को मुफ्त अनाज, महिलाओं और बुजुर्गों को उनके बैंक खाते में नकद राशि दी गई। कोविड- 19 के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में रहकर लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 50 लाख रुपए का बीमा कवर, तीन करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिब्यांगों को नकद राशि सहित कई राहतों की घोषणा की गई। यह पैकेज मार्च अंतिम सप्ताह में घोषित किया गया था।

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