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भारत में फर्जी ऐप्स का खेल हुआ खत्म, सरकार ने दिया बचाव का तरीका; जानिए आसान स्टेप्स

Edited By Mahima,Updated: 10 Dec, 2024 12:55 PM

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भारत में साइबर अपराध की बढ़ती समस्या के बीच सरकार ने वायरस वाले ऐप्स से बचने के लिए एक ट्रिक साझा की है। अब आप Google Play Store के जरिए अपने स्मार्टफोन से डेंजरस ऐप्स की पहचान कर सकते हैं। साथ ही, 11 दिसंबर से ट्राई का नया ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम...

नेशनल डेस्क: भारत में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, और स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को धोखा दे रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख तरीका नकली और खतरनाक ऐप्स बनाना है, जो असली ऐप्स के जैसे दिखते हैं। इन ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद यूजर्स की पर्सनल जानकारी, जैसे कि बैंक डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड जानकारी, और यहां तक कि प्राइवेट फोटो और वीडियो, हैकर्स तक पहुंच जाती है। हैकर्स इन डिटेल्स का गलत इस्तेमाल करके ब्लैकमेलिंग या धोखाधड़ी कर सकते हैं।

कैसे पहचानें डेंजरस ऐप्स?
सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक आसान तरीका बताया है, जिससे आप अपने स्मार्टफोन से खतरनाक ऐप्स को पहचान सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें यह बताया गया है कि आप कैसे अपने फोन में गड़बड़ ऐप्स की पहचान कर सकते हैं। 

यह तरीका है:
1. Google Play Store खोलें – सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में Google Play Store ओपन करें।
2. प्रोफाइल आइकन पर क्लिक करें – स्क्रीन के ऊपर दाईं ओर अपने प्रोफाइल आइकन पर टैप करें।
3. Play Protect ऑप्शन सेलेक्ट करें – प्रोफाइल आइकन पर टैप करने के बाद मेनू में "Play Protect" ऑप्शन को चुनें।
4. स्कैन बटन पर क्लिक करें – अब स्कैन बटन पर क्लिक करें। 
5. स्कैन कम्पलीट होने पर अलर्ट मिलेगा – जब स्कैन पूरा हो जाएगा, तो अगर आपके डिवाइस में कोई भी डेंजरस ऐप होगा, तो आपको तुरंत एक अलर्ट मिलेगा।
यह तरीका आपको किसी भी खतरनाक ऐप्स से बचने में मदद करेगा, और आपके स्मार्टफोन को सुरक्षित रखेगा।

11 दिसंबर से नया नियम लागू होने जा रहा है
इसके अलावा, 11 दिसंबर से भारतीय टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) एक नया नियम लागू करने जा रही है, जिसका नाम है ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’। इस नए नियम के तहत, अब फर्जी मैसेजों को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि अब कोई भी मैसेज भेजने वाले टेलीमार्केटर्स की पहचान की जा सके। इसके तहत ऐसे मैसेज स्वीकार नहीं किए जाएंगे, जिनमें टेलीमार्केटर्स के निर्धारित नंबर सीरीज का उपयोग नहीं किया गया होगा। यह कदम धोखाधड़ी और फर्जी कॉल्स की समस्या को खत्म करने के लिए उठाया गया है।

सरकार की पहल और इसके फायदे
सरकार का उद्देश्य साइबर अपराधियों को पकड़ने और डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इन नए उपायों के द्वारा, यूजर्स को अधिक सुरक्षित महसूस होगा, और वे फर्जी ऐप्स और मैसेज से बचने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, इससे सुरक्षा जागरूकता भी बढ़ेगी, और लोग अधिक सतर्क रहेंगे। अगर आप अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन टिप्स को फॉलो करें और सुनिश्चित करें कि आपका फोन फर्जी ऐप्स से मुक्त रहे। इसके अलावा, ट्राई के नए ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम से फर्जी मैसेज की समस्या भी कम हो जाएगी। आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी संदिग्ध ऐप को डाउनलोड करने से बचें और हमेशा Play Store के जरिए ही ऐप्स डाउनलोड करें।  

 

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