कोरोना से हार गई भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ, 103 साल की उम्र में भी नहीं छोड़ा था काम

Edited By vasudha,Updated: 31 Aug, 2020 12:36 PM

india first woman cardiologist lost to corona

विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती का 103 वर्ष की आयु में कोविड-19 से निधन हो गया। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट (एनएचआई) ने रविवार को यह जानकारी दी। गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी'' के नाम से मशहूर डॉ पद्मावती का अंतिम संस्‍कार पंजाबी बाग में किया गया...

नेशनल डेस्क: विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती का 103 वर्ष की आयु में कोविड-19 से निधन हो गया। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट (एनएचआई) ने रविवार को यह जानकारी दी। गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी' के नाम से मशहूर डॉ पद्मावती का अंतिम संस्‍कार पंजाबी बाग में किया गया।

 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि डॉ. एसआई पद्मावती, एक अद्भुत व्यक्तित्व जिन्होंने 103 साल की उम्र तक दिन में बारह घंटे और सप्ताह में पांच दिन काम किया। जिस समय कार्डियोलॉजी अधिकांश भारतीयों के लिए एक अज्ञात क्षेत्र था उस समय एक महिला होते हुए उन्होंने कई कारनामें कर के दिखाए। 

 

एनएचआई ने एक बयान में कहा कि भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती का 29 अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। बयान के मुताबिक वह संक्रमित थीं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। 


डॉक्टरों ने बताया कि पद्मावती दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया था। हृदयाघात के बाद उनका निधन हो गया। बता दें केि डॉ पद्मावती को भारत में पहली कार्डियक केयर यूनिट स्थापना का श्रेय जाता है। उन्होंने 1981 में NHI की स्थापना की थी। डॉ पद्मावती को हार्वर्ड मेडिकल इंटरनेशनल अवार्ड के अलावा कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। 1992 में भारत सरकार ने उन्हे पद्म विभूषण से सम्मानित किया। 

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