ये थीं भारता की पहली महिला जज, इन्होंने महिलाओं के हक के लिए उठाई थी आवाज

Edited By Seema Sharma,Updated: 04 May, 2018 02:20 PM

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जस्टिस इंदु मल्होत्रा वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला हैं। हाल में वे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की पहली महिला जज कौन थीं। भारत की पहली महिला जज थीं जस्टिस अन्ना चाण्डी।

नेशनल डेस्कः जस्टिस इंदु मल्होत्रा वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली महिला हैं। हाल में वे देश की शीर्ष अदालत में न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की पहली महिला जज कौन थीं। भारत की पहली महिला जज थीं जस्टिस अन्ना चाण्डी। जस्टिस अन्ना का जन्म 4 मई, 1905 में तिरुवनंतपुरम में हुआ था। आज उनका 113वां जन्म है। उनका निधन 20 जुवाई, 1996 को हुआ था। जस्टिस अन्ना एक सीरियन क्रिच्शन फैमिली से संबंधित थी। 1926 में उन्होंने लॉ में पोस्ट-ग्रैजुएट किया। वे राज्य की भी पहली महिला थी जिन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की।
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जस्टिस अन्ना का सफर
त्रावणकोर के दीवान सर सीपी रामास्वामी अय्यर ने 1937 में चाण्डी को मुंसिफ के तौर पर नियुक्त किया जिसके बाद वे भारत की पहली महिला जज बनीं। 1948 में प्रमोशन पाकर वे जिला जज बन गईं। ऐसे में वे भारत के किसी हाईकोर्ट की भी पहली महिला जज बनीं। 1959 में उनको केरल हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। उन्होंने 1967 तक हाईकोर्ट के जज के तौर पर काम किया।

'श्रीमती' मैगजीन निकाली
जस्टिस अन्ना ने महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों को समाज के सामने रखा। उन्होंने  'श्रीमती' नाम से एक मैगजीन भी निकाली जिसमें महिलाओं की समस्याओं को लेकर उन्होंने आवाज बुलंद की। हाई कोर्ट से रिटायरमेंट के बाद उनको लॉ कमीशन ऑफ इंडिया में नियुक्त किया गया। उनके बाद कई महिलाओं की लॉ में रूचि बढ़ी। आज तो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट कर कई महिला जज रह चुकी हैं।

 

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