Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Feb, 2021 04:25 PM
किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट/ ट्विटर अकाउंट्स को भारत सरकार द्वारा सस्पेंड किए जाने के बाद फिर से एक्टिव कर दिया गया है। इन अकाउंट पर फर्जी और भड़काने वाले ट्वीट्स व हैशटैग से अफवाहें फैलाई जा रही थीँ। किसान आंदोलन से संबंधित अकाउंट फिर से एक्टिवेट...
नेशनल डेस्क: सरकार ने ट्विटर को निर्देश दिया है कि वह किसानों के जनसंहार हैशटैग से संबंधित सामग्री/खातों को हटाने से संबंधी उसके निर्देशों का पालन करे और चेतावनी दी कि आदेश का अनुपालन न करने की सूरत में “माइक्रोब्लॉगिंग” साइट के खिलाफ “दंडात्मक कार्रवाई” की जा सकती है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने कुछ खातों को ब्लॉक करने के आदेश के बावजूद अपनी तरफ से उन खातों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटा दी। सूत्रों ने कहा कि ट्विटर एक ‘मध्यस्थ' है और वह सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिये बाध्य है। उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों का अनुपालन न करने पर ट्विटर को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार के नोटिस में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ समेत उसके करीब आधा दर्जन आदेशों को उद्धृत किया गया है कि लोक व्यवस्था क्या है और अधिकारियों के अधिकार क्या हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ट्विटर अदालत की भूमिका धारण नहीं कर सकता और आदेश का अनुपालन नहीं करने को उचित नहीं ठहरा सकता।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल में ट्विटर को निर्देश दिया था कि वह ऐसे 250 ट्वीट/खातों को बंद करे जो 30 जनवरी को ऐसे ‘गलत, धमकाने वाले और भड़काने वाले ट्वीट्स' साझा कर रहे थे जिनमें हैशटैग के साथ कहा गया था कि मोदी सरकार किसानों के ‘जनसंहार' की साजिश रच रही है। बता दें कि कुछ लोग ट्वीट करके किसान आंदोलन से जुड़ी अफवाहों को तूल दे रहे हैं। सरकार ने कुछ अकाउंट को संस्पेंड कर दिया था लेकिन इसके बावजूद यह अकाउंट फिर एक्टिव हो गए।