देश में कोरोना के 60,490 मरीज हुए ठीक, कोविड19 की मृत्यु दर विश्व में सबसे कम- स्वास्थ्य मंत्रालय

Edited By Yaspal,Updated: 26 May, 2020 06:21 PM

india has the lowest death rate of people from corona ministry of health

देश में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन सबसे सकारात्मक बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में जोरदार बढ़ोत्तरी भी हो रही है और विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में मृत्यु दर बहुत ही कम है।...

नई दिल्लीः देश में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन सबसे सकारात्मक बात यह है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में जोरदार बढ़ोत्तरी भी हो रही है और विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में मृत्यु दर बहुत ही कम है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 6535 नये मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,45,380 पर पहुंच गयी। इसी अवधि में इस बीमारी से 2770 लोग मुक्त हुए हैं जिससे स्वस्थ हुए लोगों की कुल संख्या 60,490 हो गई है। इस समय कोरेाना के सक्रिय मामलों की संख्या 80722 है और कोरोना के मामलों के दुगना होने की दर 13.2 प्रतिशत है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की दर मार्च में 7.1 प्रतिशत थी और दूसरे लॉकडाउन के समय यह 11.42 प्रतिशत हो गई थी और तीसरे लॉकडाउन के समय यह 26.69 तथा चौथे लॉकडाउन के बाद अब यह 41.61 प्रतिशत हो गई है। विश्व के अन्य देशों की औसत मृत्यु दर 6.45 प्रतिशत की तुलना में भारत में मृत्यु दर बहुत कम है और पहले यह 3.3 प्रतिशत(15 अप्रैल तक) थी जो अब और घटकर 2.87 प्रतिशत हो गई है। विश्व के अन्य देशों में जहां प्रति लाख कोविड मरीजों की 69.9 हैं वहीं भारत में यह 10.7 प्रति लाख है। विश्व में प्रति लाख होने वाली मौतें 4.5 है जबकि भारत में यह 0.3 मौतें प्रति लाख आबादी है।
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उन्होंने कहा कि इस समय हमारा पूरा ध्यान केसों के बढ़ने पर नहीं होना चाहिए बल्कि लोगों के जीवन को बचाने पर होना चाहिए क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है और जब तक इसकी कोई कारगर दवा या वैक्सीन नहीं बन जाती है तब तक सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत साफ सफाई और अन्य सावधानियों को अपनाना जरूरी है।
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आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भागर्व ने बताया कि कोविड-19 की जांच महत्वपूर्ण ढंग से बढ़ी है। हर दिन 612 लैब में करीब 1.1 लाख नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। भारत में हुए अध्ययनों में एचसीक्यू के कोई अहम दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं। कोविड-19 के इलाज में इसका इस्तेमाल जारी रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारी स्पष्ट सलाह है कि एचसीक्यू को खाने के साथ लिया जाना चाहिए, खाली पेट नहीं। इलाज के दौरान एक ईसीजी किया जाना चाहिए।

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