चीन की चालबाजी से सतर्क भारत, अरूणाचल प्रदेश में LAC पर बढ़ाई निगरानी

Edited By Yaspal,Updated: 18 Oct, 2021 06:21 AM

india increased surveillance on lac in arunachal pradesh

भारत ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिन और रात में निगरानी काफी बढ़ा दी है और चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए इसने विशिष्ट विमानों एवं अन्य युद्धक सामग्री की तैनाती की है। यह जानकारी रविवार को घटनाक्रम से...

नेशनल डेस्कः भारत ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दिन और रात में निगरानी काफी बढ़ा दी है और चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए इसने विशिष्ट विमानों एवं अन्य युद्धक सामग्री की तैनाती की है। यह जानकारी रविवार को घटनाक्रम से अवगत लोगों ने दी। पिछले वर्ष गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारत ने करीब 3400 किलोमीटर लंबी एलएसी के पास संपूर्ण तैनाती में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा यह आधारभूत सुविधाओं का भी विकास कर रहा है।

लोगों ने बताया कि इजराइल निर्मित हेरोन मध्यम ऊंचाई वाले और लंबे समय तक उड़ान भर सकने वाले ड्रोन एलएसी के पास पहाड़ी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं और महत्वपूर्ण आंकड़े एवं चित्र कमान एवं नियंत्रण कक्षों को भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन के साथ ही भारतीय सेना की विमानन शाखा ने क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रूद्र की तैनाती की है जिससे क्षेत्र में इसका मिशन और तीव्र हुआ है। उन्होंने बताया कि सेना ने इस वर्ष इस क्षेत्र में एक स्वतंत्र विमानन ब्रिगेड बनाई है ताकि संवेदनशील क्षेत्र में संपूर्ण संचालनात्मक तैयारियों को मजबूती दे सके।

उन्होंने बताया कि हेरोन ड्रोन सबसे पहले क्षेत्र में करीब चार-पांच वर्ष पहले तैनात किए गए थे, और अब निगरानी को ‘सेंसर टू शूटर' योजना के तहत और बढ़ाया गया है ताकि किसी भी संभावित अभियान के लिए सैन्य बल की त्वरित तैनाती की जा सके। एएलएच हेलीकॉप्टर के डब्ल्यूएसआई संस्करण की तैनाती से सेना को ऊंचे इलाकों में विभिन्न मिशन के लिए और लाभ मिला है। एएलएच हेलीकॉप्टर पर तैनात हथियारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने विस्तार से जानकारी देने से इंकार कर दिया लेकिन कहा कि यह बेहतरीन है और विरोधी के खिलाफ काफी प्रभावी होगा।

एक व्यक्ति ने बताया, ‘‘पिछले वर्ष की तुलना में हमारे दिन एवं रात की निगरानी क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है और क्षेत्र में किसी भी घटना से निपटने में हम काफी बेहतर स्थिति में हैं।'' भारतीय सेना इजराइल से हेरोन टीपी ड्रोन का एक बेड़ा भी लीज पर ले रही है जो 35 हजार फुट तक की ऊंचाई पर करीब 45 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। हेरोन टीपी ड्रोन स्वचालिक टैक्सी टेक ऑफ एवं लैंडिंग तथा उपग्रह संचार प्रणाली से लैस है। उन्होंने बताया कि अरूणाचल सेक्टर में अतिरिक्त सड़क, पुल और रेलवे ढांचा बनाया जा रहा है ताकि क्षेत्र में उभरी सुरक्षा चुनौतियों के समय सामरिक जरूरतों को पूरा किया जा सके। सरकार तवांग को रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ने पर विचार कर रही है। पिछले वर्ष 15 जून को गलवान घाटी में घातक संघर्ष होने के बाद एलएसी पर तनाव बढ़ गया है।

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