Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 09:42 AM
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दक्षिण एशिया नीति की घोषणा के सौ दिन बाद अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण पक्ष है और वह युद्ध से जर्जर देश के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के नई दिल्ली के आवागमन के विकल्पों का समर्थन करता है। ट्रंप प्रशासन...
वाशिंगटन: राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा दक्षिण एशिया नीति की घोषणा के सौ दिन बाद अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण पक्ष है और वह युद्ध से जर्जर देश के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने के नई दिल्ली के आवागमन के विकल्पों का समर्थन करता है। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘भारत ने यह साबित किया है कि अफगानिस्तान में वह एक पक्ष है और वह अफगानिस्तान को बेहद संरचनात्मक तौर से सहयोग देने में दिलचस्पी रखता है।’’ पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने उक्त जानकारी दी। वह 21 अगस्त को ट्रंप द्वारा घोषित दक्षिण एशिया नीति के सौ दिन पूरे होने पर भारत की भूमिका की समीक्षा कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने 21 अगस्त को अपने भाषण में भारत को अफगानिस्तान और उनके आर्थिक विकास में बड़ा पक्ष बताया था। मुझे लगता है कि भारत इस आह्वान का उत्तर दे रहा है।’’ नई दिल्ली में सितंबर में हुए बेहद सफल व्यापार सम्मेलन का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि इससे सैकड़ों-लाखों की संख्या में नए सौदे हुए हैं। भारत ने यहां के लिए हवाई गलियारा तैयार किया है, हवाई मार्ग शुरू किया है और अब ईरान के चाबहार बंदरगाह से गेहूं की पहली खेप वहां पहुंची है। प्रशासन के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इसलिए, अमेरिका इसका समर्थन करता है।
हम इसका पूर्ण समर्थन करते हैं कि भारत अपने आर्थिक संबंध बना रहा है और आवागमन के तरीके बढ़ा रहा है ताकि वह अफगानिस्तान के साथ आर्थिक रूप से ज्यादा जुड़ सके। अमेरिका ने देखा है कि भारत अफगानिस्तान के साथ अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ा रहा है।’’ ईरान के साथ ट्रंप प्रशासन की नीतियों के मद्देनजर चाबहार बंदरगाह पर सवाल करने पर अधिकारी ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता है कि आॢथक गतिविधियों से इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर ऑफ ईरान को लाभ हो। उन्होंने कहा, लेकिन हम समझ सकते हैं कि अफगानिस्तान तक सामान पहुंचाने में भारत की अपनी चुनौतियां हैं।