अब सबसे अधिक गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा भारत, हालात सुधरेः स्टडी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2018 12:26 PM

india is no longer the most poor population

2030 तक भारत नहीं रहेगा दुनिया में सबसे गरीब आबादी वाला देश। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अब भारत दुनिया की सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा है।

बिजनेस डेस्कः 2030 तक भारत नहीं रहेगा दुनिया में सबसे गरीब आबादी वाला देश। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अब भारत दुनिया की सबसे बड़ी गरीब आबादी वाला देश नहीं रहा है। ब्रुकिंग्स के 'फ्यूचर डेवेलपमेंट' ब्लॉग में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक हर मिनट 44 भारतीय अत्यंत गरीबी की श्रेणी से बाहर निकलते जा रहा हैं।

नाइजीरिया को गरीब आबादी वाला तमगा
भारत का अत्यंत गरीब आबादी वाला तमगा अब मई 2018 से नाइजीरिया ने हासिल कर लिया है। भारत में बहुत तेजी से गरीबी घट रही है जो दुनिया के किसी भी देश से काफी अधिक है। कहा जा रहा है कि यदि भारत की ये रफ्तार ऐसे ही बरकरार रही तो वह इसी वर्ष इस दिशा में एक कदम और नीचे आ जाएगा। जिसके बाद दूसरे पायदान पर भारत की जगह कॉन्गो ले लेगा। अध्ययन में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि अत्यंत गरीबी के दायरे में वो जनसंख्या आती है जिसके पास अपने जीवनयापन के लिए रोजाना 1.9 डॉलर यानि 125 रुपए भी नहीं होते।

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2022 तक गरीब जनसंख्या वाले लोगों का दायरा 3%
अध्ययन के अनुसार, भारत को साल 2030 में एक बहुत बड़ी उपलब्धि मिल जाएगी। यहां अत्यंत गरीब जनसंख्या वाले लोगों का दायरा साल 2022 तक 3 फीसदी रहने की उम्मीद है जबकि साल 2030 तक भारत से अत्यंत गरीबी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2018 में उनकी ट्रैजक्टरीज से पता चला है कि भारत में 7 करोड़ 30 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं। वहीं इनकी संख्या नाइजीरिया में 8 करोड़ 70 लाख है यानि यहां हर मिनट 6 लोग भीषण गरीबी की ओर जा रहे हैं।

7 से 8 फीसदी की दर से विकास करना होगा
भारत में गरीबी लगातार घटती जा रही है लेकिन अगर 2030 तक गरीबी पूरी तरह समाप्त करनी है तो इसके लिए भारत को 7 से 8 फीसदी की दर से विकास करना होगा। सरकार को लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहना होगा। भारत के गरीबी के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए वर्ल्ड बैंक बताता है कि 2004-2011 के बीच भारत में गरीबी की कुल आबादी 38.9 फीसदी से कम होकर 21.2 फीसदी पर आ गई। यानि अगर भारत का पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो भारत काफी तेजी से प्रगती कर रहा है।

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संयुक्त राष्ट्र के इस लक्ष्य में जहां उसे सफलता दिखती नजर आ रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके लिए एक निराशा भी उत्पन्न हो गई है। दुनिया से गरीबी हटाने का उसका लक्ष्य तभी पूरा होगा जब इस दिशा में हर देश अपना योगदान दे यानि दुनिया के हर देश में भी उतनी ही तेजी से गरीबी का स्तर कम होना चाहिए जितनी तेजी से भारत और चीन में हो रहा है।

इस दिशा में संघ को अफ्रीका की ओर से निराशा झेलनी पड़ रही है। अध्ययन से पता चलता है कि दुनिया के अत्यंत गरीब लोगों की दो तिहाई आबादी अफ्रीका में ही रहती है। अगर वहां ऐसी ही स्थिति बनी रही तो साल 2030 तक वहां हर 10 लोगों में 9 गरीब मिलेंगे।

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साथ ही रिपोर्ट में दी गई जानकारी से पता चलता है कि दुनिया के जिन 18 देशों में गरीबी लगातार बढ़ती जा रही है उसमें से 14 देश अफ्रीका के ही हैं। यहां 1 सितंबर 2017 तक कुल 64 करोड़ 70 लाख लोग भीषण गरीबी के चपेट में आ चुके थे। अब भारत को इस दिशा में पूरी तरह सफल होने के लिए कल्याणकारी योजनाओं सहित देश के आर्थिक विकास को और भी बढ़ाना होगा।
 

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