Edited By Yaspal,Updated: 15 Feb, 2020 07:53 PM
अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए जिस स्टील्थ ड्रोन का इस्तेमाल किया था। भारतीय सेना उसे अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है। टॉप सरकारी सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जल्दी होने वाली भारत यात्रा के दौरान...
नेशनल डेस्कः अमेरिका ने ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए जिस स्टील्थ ड्रोन का इस्तेमाल किया था। भारतीय सेना उसे अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है। टॉप सरकारी सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जल्दी होने वाली भारत यात्रा के दौरान ये मुद्दा उठ सकता है। सूत्र ने बताया, 'हमारी उस ड्रोन टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी है जिसे अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज ने ईरान के सैन्य अधिकारी को मारने में इस्तेमाल किया था। इसे गुपचुप ढंग से लाया जा सकता है और रडार की नजर में आए टारगेट को खत्म किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि अगर सरकार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल सरहद पार के ज्ञात नॉन-स्टेट-एक्टर्स पर ऐसे ही स्ट्राइक करने का इरादा रखता है तो भारत अपने लक्ष्यों को उड़ाने के लिए इस तरह के ड्रोन का इस्तेमाल कर सकता है। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद ऐसे नॉन-स्टेट-एक्टर्स हैं जो दशकों से पाकिस्तान की जमीन से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
बता दें कि इरानियन रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की इस साल 3 जनवरी को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। ये हमला उस वक्त हुआ था जब सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में पहुंचे ही थे।
2011 में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारने के लिए अमेरिकी नेवी स्पेशल फोर्सेज ने स्पेशल स्टील्थ हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था। लादेन जिस जगह मारा गया था वो इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी से अधिक दूर नहीं थी। सूत्रों ने बताया कि भारत भी अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन्स डील के लिए कदम आगे बढ़ा सकता है