Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 08:09 PM
म्यांमार से विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भारत सरकार के रुख की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद...
नई दिल्ली: म्यांमार से विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भारत सरकार के रुख की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की निंदा के बाद भारत ने बांग्लादेश में शरण लेने गए रोहिंग्या लोगों को भारी मानवीय सहायता का ऐलान किया। शरणार्थियों की मदद के लिये घोषित ‘ऑपरेशन इनसानियत’ के तहत वीरवार दोपहर तक भारतीय वायुसेना के परिवहन विमानों से 53 टन राहत सामग्री बांग्लादेश पहुंचाई गई।
भारत ने हमेशा बांग्लादेश को दिया सहयोग
यहां विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शरणार्थियों के लिये राहत सामग्री कई खेप में भेजी जाएगी। प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश में भारी संख्या में शरणार्थियों के पहुंचने से पैदा मानवीय संकट से निपटने के इरादे से भारत ने मानवीय मदद भेजी है। भेजी गई राहत सामग्री में चावल, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, चाय, नूडल्स, मच्छरदानी आदि शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश के साथ नजदीकी दोस्ताना रिश्तों के मद्देनजर भारत ने हमेशा ही बांग्लादेश में पैदा किसी भी संकट से तुरंत निपटने में सहयोग दिया है। इन शरणार्थियों के लिये भारत से करीब सात हजार टन राहत सामग्री भेजी जाएगी।
बांग्लादेश के सीमांत इलाकों में पहुंचे चार लाख शरणार्थी
रिपोर्ट के मुताबिक राहत सामग्री लेकर भारतीय परिवहन विमान चटगांव वायुसैनिक अड्डे पर पहुंच रहे हैं। राहत सामग्री को ग्रहण करने सड़क परिवहन मंत्री ओबेदूल कादर के साथ भारतीय उच्चायुक्त हर्षवद्र्धन सिंगला भी पहुंचे। इस मौके पर कादर ने कहा कि भारत की मदद वैसी ही है जैसे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में भारत ने मदद दी थी। म्यांमार से लगे बांग्लादेश के सीमांत इलाकों में चार लाख से अधिक शरणार्थियों के पहुंचने की रिपोर्ट हैं। म्यामंार में रोहिंग्या विद्रोहियों ने सेना और पुलिस के ठिकानों पर हमले किये थे जिसके बाद म्यांमार की सेना ने व्यापक कार्रवाई की है। इसके बाद रोहिंग्या लोग वहां से भारी संख्या में भाग रहे हैं।